Flu Alert: लुधियाना के स्कूली बच्चों में बढ़ने लगा फ्लू का खतरा, डीएमसी में रोजाना आ रहे 200 केस

Flu Alert पिछले साल बच्चे घरों से बाहर नहीं निकले इसलिए फ्लू के मामले बेहद कम रहे थे। उन्होंने बताया कि इस बार ओपीडी में रोजाना 150 से 200 बच्चे फ्लू की शिकायत के साथ आ रहे हैं। इन्हें खांसी जुकाम व बुखार की शिकायत होती है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:11 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:11 AM (IST)
Flu Alert: लुधियाना के स्कूली बच्चों में बढ़ने लगा फ्लू का खतरा, डीएमसी में रोजाना आ रहे 200 केस
फ्लू ने डाक्टरों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Flu Alert: कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने से भले ही लोग राहत महसूस कर रहे हो, लेकिन इन दिनों फ्लू ने डाक्टरों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। कारण, बच्चों में फ्लू तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में अचानक फ्लू से पीड़ित बच्चे काफी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे शामिल हैं। छह माह तक के बच्चों को तो भर्ती करवाने की नौबत आ रही है। दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. कमल अरोड़ा ने बताया कि इस बार बच्चों में फ्लू के मामले अधिक आ रहे हैं।

दरअसल पिछले साल बच्चे घरों से बाहर नहीं निकले, इसलिए फ्लू के मामले बेहद कम रहे थे। उन्होंने बताया कि इस बार ओपीडी में रोजाना 150 से 200 बच्चे फ्लू की शिकायत के साथ आ रहे हैं। इन्हें खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत होती है। हालांकि राहत की बात यह है कि इन बच्चों का कोविड व स्वाइन फ्लू टेस्ट नेगेटिव आ रहा है। ये बच्चे पांच से छह दिन के सामान्य इलाज से ही ठीक हो रहे हैं। दूसरी तरफ चिंता की बात यह है कि फ्लू से पीड़ित छह महीने तक के बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। हमारे अस्पताल में रोजाना 15-20 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। वार्ड फ्लू पीड़ित बच्चों से भरे पड़े हैं।

मौसम बदलने के साथ बढ़ते हैं फ्लू के मामले

डा. कमल कहते हैं कि मौसम बदलने के साथ फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं। फ्लू का वायरस भी छींकने या खांसने से एक से दूसरे तक पहुंचता है। देखने में आया है कि जब घर में किसी बच्चे को खांसी, जुकाम या बुखार होता है तो अभिभावक इसे हल्के में लेकर उसे स्कूल भेज देते हैं। उस बच्चे से फ्लू का वायरस आगे से आगे दूसरों तक पहुंच जाता है। ऐसे में हम अभिभावकों को यही सलाह दे रहे हैं कि अगर उनके बच्चे को फ्लू के लक्षण है तो उसे घर के बाहर न लकर जाएं। लक्षण सामने आते ही विशेषज्ञ से जांच करवाएं।

बच्चों को ऐसे बचाएं

डा. कमल कहते हैं कि हम यह भी देख रहे हैं कि जिन घरों में स्कूल जाने वाले बड़े बच्चों को फ्लू हो रहा है, उन्हीं घरों में छह माह तक के शिशु भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में हमारी सलाह यही है कि बड़ों को अगर फ्लू के लक्षण हैं तो वे शिशुओं के पास न जाएं।

मास्क पहनने की आदत डालें

डा. कमल कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही अब लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया है। मास्क हमें कोरोना संक्रमण के साथ-साथ दूसरी संक्रामक बीमारियों से भी बचाता है। ऐसे में ध्यान रखना होगा कि जब भी बाहर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं।

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