Coronavirus से लुधियाना में पहली मौत, एक लाख की आबादी वाला अमरपुरा सील

शहर में कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला मरीज की मौत हो गई है। अमरपुरा की रहने वाली इस महिला को 24 मार्च से खांसी जुकाम और सांस लेने में तकलीफ थी।

By Edited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 03:39 PM (IST)
Coronavirus से लुधियाना में पहली मौत, एक लाख की आबादी वाला अमरपुरा सील
Coronavirus से लुधियाना में पहली मौत, एक लाख की आबादी वाला अमरपुरा सील

लुधियाना, जेएनएन। शहर में कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला मरीज की मौत हो गई है। अमरपुरा की रहने वाली इस महिला को 24 मार्च से खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ थी। तब से 28 मार्च तक वह रेगुलर ओपीडी में जा रही थीं। 29 मार्च की रात उसे सिविल अस्पताल से रेफर किया गया और 30 मार्च को उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई।

इसके बाद एक लाख की आबादी वाले अमरपुरा को सील कर दिया गया है। सभी को घरों में क्वारंटाइन कर दिया गया है। लोगों को घरों से बाहर न निकलने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस की गाड़ी इलाके में अनाउंसमेंट करती रही कि घरों से बाहर न निकले, नहीं तो केस दर्ज कर लिया जाएगा।

हैरानी वाली बात है कि 22 मार्च को जनता क‌र्फ्यू के दिन से ही कोरोना से बचाव के लिए सरकारों और जिला प्रशासन ने सावधानियां बरतने के लिए आदेश जारी किए। साथ ही सेहत विभाग के अधिकारियों को एहतियात बरतते हुए कोरोना संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा गया। परंतु जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल के सेहत अधिकारियों की बड़ी लापरवाही की वजह से पता नहीं कितने लोग इस संक्रमण की चपेट में आ गए होंगे, क्योंकि 24 मार्च से वह महिला अस्पताल की ओपीडी में रेगुलर इलाज करवा रही थी और तब उसके सैंपल क्यों नहीं लिए गए और उसे क्यों क्वारंटाइन नहीं किया गया।

अब जब 29 मार्च को उसकी तबीयत और बिगड़ी तो पता नहीं तब भी उसके सैंपल लिए या नहीं, परंतु राजिंदरा अस्पताल में लिए गए सैंपल में कोरोना संक्रमण की उस महिला में पुष्टि हो गई। इसके बाद से सिविल अस्पताल के डॉक्टर अब जान बचाते फिर रहे हैं। वे फोन ही नहीं उठा रहे। रविवार की सुबह सिविल अस्पताल स्थित आइसोलेशन सेंटर में महिला को भर्ती किए जाने के बाद उनके सैंपल लिए गए या नहीं, इस पर कोई भी अधिकारी बता ही नहीं रहा।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी अश्वनी कपूर, डीसीपी वरियाम ¨सह और एडीसीपी गुरप्रीत ¨सह सिकंद पुलिस टीम के साथ पहुंचे। डॉक्टरों की टीम पहुंची, आसपास घरों में रहते लोगों के सैंपल लिए महिला की मौत के बाद पूरे इलाके को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया गया है। देर रात 16 डॉक्टरों की टीम इलाके में जांच के लिए पहुंची। महिला जिस घर में रहती थी, वहां के आसपास के कुछ घरों में रहते लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। महिला के दो बेटे और एक बेटी है। 22 साल का बेटा ड्राइवर, 20 साल का बेटा पंजाबी भवन में चपरासी की नौकरी करता है। लड़की छोटी है। पूरे परिवार को क्वारंटाइन कर दिया गया है। विभाग ने महिला की दो बहनों, जीजा, उसकी बेटी, बेटों का सैंपल ले लिया है। इसके अलावा मृतका के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की सूची तैयार की जा रही है।

तीन घंटे 108 एंबुलेंस ही नहीं मिली

मृतका के रिश्तेदार ने बताया कि जब शाम करीब छह बजे को महिला को रेफर किया गया तो स्टाफ कर्मी 108 एंबुलेंस को फोन करते रहे, परंतु तीन घंटे तक वह आई ही नहीं। फिर नौ बजे के बाद उन्होंने खुद चार हजार रुपये में पटियाला के लिए एंबुलेंस की और उसे वहां लेकर गए। वहां वे महिला को अस्पताल में छोड़ आए थे और सोमवार को उन्हें उसकी मौत की सूचना मिली। एसएनसीयू में पांच वेंटिलेटर पर वो भी सफेद हाथी बने जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की हालत यह है कि कोरोना को लेकर यहां बनाए 12 बेड के आइसोलेशन वार्ड में एक भी वेंटिलेटर नहीं है। मदर एंड चाइल्ड हास्पिटल के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में पांच वेंटिलेटर हैं, लेकिन स्टाफ न होने के कारण वह सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।

स्टाफ को बताया ही नहीं, कोरोना की संदिग्ध थी महिला

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात महिला स्टाफ नर्स और अन्य कर्मियों का कहना है कि रविवार की शाम को चार बजे महिला की तबीयत बिगड़ी थी। उसे नीचे इमरजेंसी में रेफर किया गया, क्योंकि उसकी सांस फूल रही थी और उसे ऑक्सीजन दी जानी की थी। वह एक घंटे तक इमरजेंसी के वेटिंग एरिया में रही। स्टाफ नर्स का कहना है कि उन्हें बताया ही नहीं गया कि यह कोरोना की संदिग्ध मरीज है। उसके बाद वह परिवार के साथ रही और खाना खाया। उन्हें डर है कि कहीं वह भी संक्रमित न हो गए हों। उसके टेस्ट तक नहीं किए गए। इमरजेंसी में ही तैनात डॉक्टर व अन्य स्टाफ महिला की मौत की सूचना के बाद खौफ में हैं।

अब पूरे स्टाफ और उनके परिवार के सैंपल लेंगे

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह से सोमवार तक सिविल अस्पताल की इमरजेंसी, ट्रामा वार्ड, मेल वार्ड, फीमेल वार्ड, आइसोलेशन वार्ड में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सिग स्टाफ, क्लास फोर, एक्सरे टेक्नीशियन, ईएमओज के साथ-साथ उनके पारिवारिक सदस्यों के सैंपल लिए जांएंगे।

महिला के संपर्क में आने वाले रिश्तेदार लगाते रहे विभाग को फोन

जैसे ही महिला के रिश्तेदारों को पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित थी तो वह स्वास्थ विभाग के अफसरों को फोन करते रहे। शिमलापुरी में रहने वाले रिश्तेदारों ने बताया कि वह महिला के संपर्क में आए और लगातार स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के नंबरों पर कॉल कर सूचना देने की कोशिश करते रहे। जो भी फोन उठाता था, वह आगे नया नंबर दे देता था। रिश्तेदारों ने बताया कि वह महिला को अस्पताल में दाखिल करवा कर आए थे। अब उन्हें भी डर लगा है।

घर नहीं लाए शव, देर रात गोशाला रोड श्मशानघाट में किया अंतिम संस्कार

इलाका पार्षद गुरदीप नीटू के अनुसार कोरोना पॉजिटिव महिला के शव को परिजन देर रात पटियाला से निकले और रात करीब दो बजे महिला का अंतिम संस्कार गोशाला रोड स्थित श्मशानघाट में सेहत विभाग, जिला और पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। शव को घर नहीं ले जाया गया। इस दौरान वहां पुलिस बल तैनात रहा। दरेसी की होजरी में किया काम महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है और वह कैसे कोरोना संक्रमण की चपेट में आई, इसकी जानकारी अभी पता नहीं लगा रहा है। पता चला है कि क‌र्फ्यू लगने से पहले महिला ने दरेसी में होजरी इकाई में बतौर हेल्पर काम किया था। ऐसे में वहां पर काम करने वाले और लोग भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।

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