जुआरियों में पकड़े 3.96 लाख रुपये हो गए गायब, 14 साल बाद पंजाब पुलिस के SI पर लापरवाही का केस
वर्ष 2007 में बठिंडा पुलिस ने छापामारी कर जुआ खेलने वाले कुछ लोगों को पकड़ा था। उनके पास से 3 लाख 95 हजार 890 रुपये की नकदी बरामद की गई थी। नकदी को पुलिस के मालखाने में जमा करवाने के बजाय खुर्द-बुर्द कर दिया गया था।
बठिंडा, जेएनएन। यहां 14 साल पहले जुआ खेलते समय पकड़े गए करीब 4 लाख रुपये गायब होने के मामले में पुलिस ने रिटायर्ड एसआइ अमृतपाल सिंह पर मामला दर्ज किया है। वर्ष 2007 में बठिंडा पुलिस ने छापामारी कर जुआ खेलने वाले कुछ लोगों को पकड़ा था। उनके पास से 3 लाख 95 हजार 890 रुपये की नकदी बरामद की गई थी। नकदी को पुलिस के मालखाने में जमा करवाने के बजाय खुर्द-बुर्द कर दिया गया था। तब अमृतपाल सिंह इस मामले के जांच अधिकारी थे।
जुआ खेलते पकड़े गए आरोपित ने खटखटाया था अदालत का दरवाजा
जुआ खेलने के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति ने अदालत से जमानत लेने के बाद पुलिस द्वारा पकड़ी गई नकदी को सुपुर्दी के लिए अदालत में एप्लीकेशन दायर की थी। जब अदालत ने मालखाना के अधिकारियों को उक्त मामले में बरामद नकदी अदालत में पेश कर उसे वापस करने के लिए कहा तो मालखाने के मुंशी ने अदालत को जबाव दिया कि इस मामले में कोई भी नकदी मालखाने में जमा नहीं करवाई गई है। इसके बाद अदालत ने उस समय मामले के जांच अधिकारी व मौजूदा समय में रिटायर्ड एसआइ अमृतपाल सिंह को अदालत में बुलाकर पूछा कि उन्होंने पकड़ी गई जुए की नकदी मालखाने में जमा क्यों नहीं करवाई। इस पर अमृतपाल सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने वर्ष 2007 में माल खाने के मुंशी जाेगिंदर सिंह के पास यह रकम जमा करवाई थी, लेकिन अब उसकी मौत हो गई है, इसलिए उन्हें इस पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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एसआइ का मालखाने में राशि जमा करवाने का दावा खारिज
रिटायर्ड एसआइ का कहना है कि उन्होंने पैसे मालखान में जमा करवा दिए थे। हालांकि अदालत ने पूरे मामले में रिटायर्ड एसआइ अमृतपाल सिंह की लापरवाही मानते उन्हें 3.96 लाख रुपये की नकदी गायब होने का आरोपित माना। इसके बाद थाना कोतवाली पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए। पुलिस ने अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए अमृतपाल सिंह निवासी गांव कणकवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।