स्वयं को खोजो, संपदा स्वयं में है : अरुण मुनि

संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव श्री अरुण मुनि महाराज ठाणा-6 एस एस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 05:15 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 05:15 AM (IST)
स्वयं को खोजो, संपदा स्वयं में है :  अरुण मुनि
स्वयं को खोजो, संपदा स्वयं में है : अरुण मुनि

संस, लुधियाना :संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव श्री अरुण मुनि महाराज ठाणा-6 एस एस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए हैं। गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा कि इस जमीन पर अब तक जब भी किसी ने आनंद पाया है, अपने भीतर झांक कर ही पाया है। इंद्रियां बहिमुर्खी है, बाहर की खोज में रहती है, पर जीवन का रहस्य किसी-2 को समझ आता है कि स्वयं को खोजो संपदा स्वयं में ही है।

उन्होंने कहा कि गुरुदेव मैं दुखी हूं? कोई उपाए? ये डायरी ले जाओ, किसलिए? पढ़ने के लिए, इसमें लिखा क्या है? पूर्व के 50 पन्नों में तेरे अवगुण, आगे के 50 पन्नों में तेरे पड़ोसी की भूले, एक शर्त, पूर्व के पचास पन्ने ही तुम्हें पढ़ने है। घर जाकर सोचने लगा, मै कैसा हूं, मैं जानता हूं। आज पड़ोसी के जीवन में झांकने का सुअवसर मिला है। पड़ोसी से झगड़ा, मार पिटाई, चोटे गहरी। वापिस संत के पास आगकर डायरी फैंककर भारी, पकड़ो पनी डायरी ये तो मुसीबतों की मां है। बाबू तुमने जरुर पहले पन्ने न पढ़कर अगले पन्ने पढे़ होंगे। उसी का परिणाम है ये सजा।

जीवन विकास का फार्मुला -अपना इम्ताहान ले, यानि पूरे दिन क्या किया। होशपूर्वक आत्म मंथन व विश्लेषण करें। सेल्फ चैकिग होगी तभी सेल्फ ड्रेसिग होगी। उन्होंने कहा कि जन्म के साथ जीवन जुड़ा हुआ है, जीवन के साथ घटनाएं। घटनाएं कभी घट नहीं सकती, घटती ही रहती है, घटनाएं घटित होंगी तो उनका विश्लेषण भी होगा। इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन विनोद जैन गोयम, महावीर युवक संघ के प्रधान संजय जैन, पुनीत जैन गोरु, मुनीष डॉलर, अभिषेक मुनि, विशाल जैन, कार्तिक जैन, लक्की जैन, गौरव जैन फाइनांस, हर्ष वर्धन, दिनेश जैन आदि शामिल थे।

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