चेन्नई समिट में हुई घोषणाओं का स्वागत किया
चेन्नई शिखर सम्मेलन के समापन पर की गई घोषणा का फियो ने स्वागत किया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: चेन्नई शिखर सम्मेलन के समापन पर की गई घोषणा का स्वागत करते हुए फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि शीर्ष स्तर पर दोनों देशों के बीच करीबी बातचीत से व्यापार के मुद्दों को हल करने के अलावा एशियाई दिग्गजों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। फियो अध्यक्ष ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि दोनों पड़ोसियों के बीच मतभेद होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, मुख्य मुद्दा उसको रचनात्मक तरीके से आपसी सलाह के जरिए सुलह करने से है, ताकि मतभेद विवादों में विकसित न हो पाए।
सराफ ने कहा कि चीन के साथ उच्च व्यापार घाटा चिता का कारण है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में यह घाटा घटकर 53 अरब डॉलर रह गया। एक बड़ी चिता बाजार की पहुंच है जो भारतीय निर्यात को सीमित कर रही है जिससे निर्यात वास्तविक क्षमता तक नहीं पहुंच पा रहा है। भारत की आइटीसी के मुताबिक चीन में भारत की 18 अरब डॉलर की निर्यात क्षमता को अब तक खंगाला नहीं गया है जो कि हमारे 16.8 अरब डॉलर के वर्तमान निर्यात से काफी अधिक है। डेयरी उत्पादों, मांस, सोयाबीन, खाद्य पदार्थ और कई फलों तक चीनी बाजार की पहुंच नहीं है। भारतीय फार्मा उद्योग के लिए इसी समान समस्या है क्योंकि पंजीकरण में भारी समय लगता है और अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारणों से देरी होती है। उन्होंने व्यापार और निवेश के मुद्दों को संबोधित करने के लिए संस्थागत मैकेनिज्म होने के विचार का स्वागत किया।
फियो अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय निर्यात की रूपरेखा ऑटो कंपोनेंट, इलेक्ट्रिकल उपकरण, मशीनरी, विशेष रसायनिक निर्यात के साथ मूल्य वर्धित सेगमेंट की ओर बढ़ रही है, हालांकि अभी हमें और भी आगे जाना है। फियो ने सस्ती लागत पर चीनी नागरिकों के लिए पांच साल के कई प्रवेश वीजा की सुविधा का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि चीन भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐसा ही करेगा। भारत में चीनी पर्यटकों को आकर्षित करने की भारी संभावना है और ऐसे हीं चीन में भी भारतीय पर्यटकों को लुभाने की अपार क्षमता है।