फिक्की एफएलओ के मंच पर बोले सोनू सूद, 'मैं हूं कामन मैन'

कोरोना काल दौरान दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने व उनके लिए खाने का प्रबंध करने वाले अभिनेता सोनू सूद और नीति गोयल बुधवार को फिक्की एफएलओ लुधियाना चैप्टर के मंच पर सदस्यों से रूबरू हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:02 PM (IST)
फिक्की एफएलओ के मंच पर बोले सोनू सूद, 'मैं हूं कामन मैन'
फिक्की एफएलओ के मंच पर बोले सोनू सूद, 'मैं हूं कामन मैन'

जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना काल दौरान दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने व उनके लिए खाने का प्रबंध करने वाले अभिनेता सोनू सूद और नीति गोयल बुधवार को फिक्की एफएलओ लुधियाना चैप्टर के मंच पर सदस्यों से रूबरू हुए। मुंबई में रेस्तरां चलाने वाली नीति गोयल और अभिनेता सोनू सूद दोनों बचपन के दोस्त हैं। कोरोना काल में दूसरे प्रदेश से आए श्रमिकों की मदद करने के अनुभवों को बताते कहा कि शुरुआत में काफी चुनौतियां रही, धीरे-धीरे लोगों का विश्वास हम पर बना और लोग जुड़ते गए। इससे पहले एफएलओ की चेयरपर्सन राधिका गुप्ता ने दोनों मेहमानों का स्वागत किया और वाइस चेयरपर्सन अंकिता गुप्ता ने सवाल जवाब किए।

शुरुआत में नीति गोयल सदस्यों के साथ जुड़ीं और वेबिनार के बीच सरप्राइज दे अभिनेता सोनू सूद भी जुड़े। नीति ने बताया कि पिछले साल 24 मार्च जैसे ही कोरोना शुरू हुआ तो उन्होंने देखा कि रेस्तरां के आसपास और बाहर दूसरे प्रदेश से आई श्रमिकों की भीड़ जुटी है, जिनके पास न तो खाने को है और ही अपने प्रदेश जाने के लिए कोई साधन व पैसा। दोस्त सोनू सूद से बात की तो 27 मार्च तक 1200 लोगों और फिर दो सप्ताह के बीच एक लाख लोगों के लिए खाना तैयार किया गया। ट्रांसपोर्ट की बात करें तो दोनों ने शुरुआत में करीब 100 ट्रांसपोर्ट कंपनीज से बात की, लेकिन लाकडाउन के चलते पहले कोई तैयार नहीं हुआ। हालांकि काफी मनाने पर दस कंपनियां तैयार हुईं। श्रमिकों को घर पहुंचा जो खुशी महसूस हुई, वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। धीरे-धीरे लोगों का सहयोग मिलना शुरू हो गया। नीति बताती हैं कि कोविड का डर उस समय इस कदर था कि एक मिनट में कई काल उनके पास आती कि हमें हमारे घर भिजवा दो। खैर कोविड ने सीखा ही दिया कि पाजिटिव रहें और जितना हो सके, दूसरों की मदद करें। सोनू सूद से किए गए रैपिड सवाल-जवाब - सोशल मीडिया पर जब ट्रोल हुए तो कैसा फील किया?

मन में आया यह काम करने का तो कर दिया, कोई क्या कह रहा फर्क नहीं। - लोगों ने मसीहा का नाम दिया कैसा लगा?

मैंने अपने को हमेशा कामन मैन माना है और मानता रहूंगा। - इस बीच तरह-तरह के फोन किसी ने कहा शराब के ठेके खुलवा दो तो किसी ने कहा गर्लफ्रेंड से मिलना है। क्या प्रतिक्रिया रही?

हां ठेका खुलवा तो नहीं सकता, पर नशे में टल्ली हुए को घर तक जरूर छोड़ सकता हूं। - आपना शीरो (स्ट्रांग वूमेन) किसे मानते हो?

मेरी शीरो मेरी मां है, जिनसे हमेशा मैं प्रेरित रहा हूं। - फिल्म स्टार न होते तो क्या होते?

पंजाब में शोरूम है, इंजीनियरिग कर वहां होता। मेरा लक्ष्य मुंबई था तो यहां हूं।

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