सामान लेकर नहीं दी पेमेंट, बाप-बेटे पर धोखाधड़ी का केस

व्यापारी बाप-बेटे ने किसी अन्य व्यापारी से पहले माल खरीद लिया और फिर बाद में उसकी पेमेंट का भुगतान नहीं किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 05:55 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:13 AM (IST)
सामान लेकर नहीं दी पेमेंट, बाप-बेटे पर धोखाधड़ी का केस
सामान लेकर नहीं दी पेमेंट, बाप-बेटे पर धोखाधड़ी का केस

जागरण संवाददाता, खन्ना : व्यापारी बाप-बेटे ने किसी अन्य व्यापारी से पहले माल खरीद लिया और फिर बाद में उसकी पेमेंट का भुगतान नहीं किया। इसके चलते थाना सिटी 1 पुलिस ने व्यापारी की शिकायत पर धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। आरोपितों की तलाश पुलिस कर रही है। आरोपितों की पहचान जगजीत कॉलोनी अमलोह रोड के ओम प्रकाश वर्मा और उसके बेटे चेतन वर्मा के रूप में हुई है।

शिकायतकर्ता बाजवा अस्पताल खन्ना के पीछे रहने वाले रजत कुमार ने बताया कि उनकी श्री श्री इंडस्ट्रीज के नाम से प्लास्टिक थैले बनाने की फैक्ट्री है। उनके पास अनु इंटरप्राइजिज के मालिक ओम प्रकाश वर्मा व उनके बेटे चेतन वर्मा मालिक के नाम से स्थानीय अमलोह रोड पर ही फर्म है। आरोपितों ने उन्हें 11 अक्तूबर 2019 को 30 हजार प्लास्टिक बैग बनाने का आर्डर दिया था। इसकी कुल कीमत 4 लाख 77 हजार 980 रुपये बनती है। सारा माल उनकी फर्म द्वारा 23 अक्टूबर 2019 को डिलीवर कर दिया गया।

शिकायतकर्ता के अनुसार फर्म ने बिल बनाने के लिए जीएसटी नंबर भी गलत दिया। आरोपितों ने उन्हें बताया कि उन्हें माल की डिलीवरी आज ही चाहिए नहीं तो वह आर्डर कैंसिल कर देगें। इसके चलते उन्होंने पार्टी को माल डिलीवर करते हुए बिल न बनने की जानकारी स्थानीय टेक्सेशन अधिकारी को दे दी। इसके बाद जब पार्टी से उन्होंने पेमेंट की मांग की तो चेतन वर्मा ने उन्हें कहा कि चेक पर उसके पिता ओम प्रकाश के हस्ताक्षर ही चलते हैं तथा अभी उसके पिता किसी जरूरी काम से बाहर गए हुए हैं और जब वो आएंगे तो चेक पर हस्ताक्षर करवा उनकी पेमेंट कर दी जाएगी।

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जिला अटॉर्नी से ली गई लीगल राय

रजत ने बताया कि काफी समय बीत जाने पर भी जब उन्होंने पेमेंट नहीं दी तो उन्होंने चेतन वर्मा से फिर संपर्क कर पेमेंट की मांग की। इस पर चेतन ने अपने ऑर्डर से ही मुकरते हुए कहा कि उन्होंने कोई भी ऑर्डर नहीं दिया। इस पर उन्होंने हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस द्वारा इस मामले की जांच करते दोनों पार्टियों के बयान कलमबद्ध करने के बाद जिला अटॉर्नी की लीगल राय लेकर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर दिया।

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