Stubble Burning: पंजाब में पराली जलाने काे लेकर सख्ती का असर, अब तक किसानाें काे 43.15 लाख रुपये जुर्माना

Stubble Burning विग ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया भी जारी है। इसके चलते उल्लंघन करने वालों को नियमों अनुसार जुर्माना किया गया है। हालांकि उन्होंने इस बार प्रदूषण और पराली जलाने के केसों में कमी के चलते किसानों का धन्यवाद किया है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 09:58 AM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 09:58 AM (IST)
Stubble Burning: पंजाब में पराली जलाने काे लेकर सख्ती का असर, अब तक किसानाें काे 43.15 लाख रुपये जुर्माना
किसानों को लगभग 43.15 लाख रुपये जुर्माना किया। (सांकेतिक तस्वीर)

गौरव सूद, पटियाला। Stubble Burning: इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले पराली जलाने के मामले लगभग 19 हजार कम हुए हैं। आठ नवंबर तक पराली जलाने के कुल 42, 330 मामलों में किसानों को लगभग 43.15 लाख रुपये जुर्माना किया गया है। पिछले वर्ष आठ नवंबर तक पराली जलाने के 61,149 मामले सामने आए थे। यह जानकारी पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डा. आदर्शपाल विग ने दी।

विग ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया भी जारी है। इसके चलते उल्लंघन करने वालों को नियमों अनुसार जुर्माना किया गया है। हालांकि उन्होंने इस बार प्रदूषण और पराली जलाने के केसों में कमी के चलते किसानों का धन्यवाद किया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पराली जलाने के मामलों के साथ रकबे में भी कमी आई है। पीपीसीबी अनुसार 27 अक्टूबर, 2020 तक जहां पराली जलाने का कुल रकबा 39 प्रतिशत था, जोकि इस वर्ष 27 अक्टूबर तक 16 प्रतिशत कम होकर 23 प्रतिशत रह गया है।

पराली जलाने वालों कार्रवाई के लिए नौ हजार कर्मचारी तैनात

डा. विग ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई के लिए नौ हजार कर्मचारी तैनात किए गए है। कुल मामलों में से 12 हजार से ज्यादा साइटों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई है।

पांच नवंबर को सबसे ज्यादा जली पराली

इस वर्ष 42,330 मामलों में से पराली जलाने के सबसे ज्यादा 5,327 मामले पांच नवंबर को सामने आए है। इसके बाद मामलों में कमी आई है। इसके बावजूद पीपीसीबी, जिला प्रशासन और खेतीबाड़ी विभाग के कर्मचारियों की तरफ से पराली जलाने वालों खिलाफ सख्ती से कार्रवाई जारी है।

पीपीसीबी के प्रयासों को केंद्र ने सराहा

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डा. आदर्शपाल विग ने कहा कि पीपीसीबी के प्रयासों के कारण इस बार प्रदूषण और पराली जलाने के केसों में कमी आने के साथ-साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स भी सुधरा है। केंद्र सरकार द्वारा स्थापित सेंट्रल एयर क्वालिटी कमीशन की तरफ से भी पीपीसीबी के प्रयासों को सराहा गया है।

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