पैलेस में रह रहे बुजुर्ग के समर्थन में किसानों ने किया प्रदर्शन

दोरोहा स्थित हैवेनली पैलेस में रहने वाले बुजुर्ग को प्रबंधकों की ओर से कमरा खाली करने का नोटिस जारी किए जाने पर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 06:15 AM (IST)
पैलेस में रह रहे बुजुर्ग के समर्थन में किसानों ने किया प्रदर्शन
पैलेस में रह रहे बुजुर्ग के समर्थन में किसानों ने किया प्रदर्शन

जेएनएन, दोराहा: दोरोहा स्थित हैवेनली पैलेस में रहने वाले बुजुर्ग को प्रबंधकों की ओर से कमरा खाली करने का नोटिस जारी किए जाने पर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करवा दोनों पक्षों में समझौता करवाया। बुजुर्ग का कहना था कि उन्होंने कमरे की बालकनी में किसानों के समर्थन काला झंडा लगाया था। इसके कारण उन्हें कमरा खाली करने को कहा गया, लेकिन पैलेस प्रबंधन का कहना था कि झंडे का इससे कोई लेना देना नहीं है, बल्कि उक्त बुजुर्ग को अन्य कारणों से कमरा खाली करने को कहा गया था।

69 वर्षीय बुजुर्ग हरिदर पाल सिंह ने बताया कि वह करीब दो वर्ष से हैवेनली पैलेस में रह रहे हैं। इससे पहले वह विदेश में थे और उनका पूरा परिवार विदेश में है। वह अपनी बहन से हैवेनली प्लेस में राखी बंधवाने के लिए आए थे और उसके बाद से ही यहां रुक गए। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में समर्थन देते हुए बालकानी में काला झंडा लगाया था। इसके बाद अलग-अलग तिथियों को रूम खाली करने का नोटिस जारी करने का दबाव डाला गया। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर अपनी बात रखी। उधर, इंटरनेट मीडिया पर जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में किसान संगठनों के कार्यकर्ता हैवेनली पैलेस पहुंच प्रदर्शन करने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी पायल हरदीप सिंह चीमा, एसएचओ पायल करनैल सिंह, थाना दोराहा के एसएचओ विजय कुमार व भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया।

पुलिस ने दोनों पक्षों में काफी समय तक चले वाद विवाद के बाद मामला शांत करवाया और धरना हटवाया गया। पैलेस के जीएम ने बताया कि हरिदर पाल को बालकनी में काला झंडा लगाने को लेकर नहीं, बल्कि अन्य कारणों से कमरा खाली करने के लिए कहा गया था क्योंकि उनसे पैलेस के स्टाफ को समस्या का सामना करना पड़ रहा था। किसान संगठनों के नेताओं ने बताया कि पैलेस प्रबंधन ने गलती मानी है और उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वह हरिदर पाल को वहां से नहीं निकालेंगे। इसके चलते वहां लगाया गया धरना हटाया गया है।

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