लंदन के रेस्टोरेंट में रची गई थी फर्जी काल सेंटर की साजिश, इंग्लैंड में बैठे मास्टर माइंड के लिए एलओसी जारी कराने में जुटी पुलिस
लुधियाना और खरड़ में पकड़े गए फर्जी काल सेंटर की साजिश 10 साल पहले वर्ष 2011 को इंग्लैंड की राजधानी लंदन के एक गुजराती फास्ट फूड रेस्टोरेंट में बैठकर रची गई थी। इसमें मास्टर माइंड आर्यन और गुजरात से पकड़ा गया नमन सुखादिया शामिल थे।
लुधियाना [राजन कैंथ]। लुधियाना और खरड़ में पकड़े गए फर्जी काल सेंटर की साजिश 10 साल पहले वर्ष 2011 को इंग्लैंड की राजधानी लंदन के एक गुजराती फास्ट फूड रेस्टोरेंट में बैठकर रची गई थी। इसमें मास्टर माइंड आर्यन और गुजरात से पकड़ा गया नमन सुखादिया शामिल थे। आर्यन वर्ष 2009-10 में काम के सिलसिले में गुजरात से लंदन शिफ्ट हो गया था। 2010 में नमन सुखादिया पढ़ाई करने के लिए लंदन गया था। पढ़ाई के साथ वह गुजराती फास्ट फूड रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम नौकरी भी करता था। वहां वह आर्यन के संपर्क में आया। दोनों में बातचीत होने लगी। आर्यन ने ही नमन से कहा था कि उसके पास इंग्लैंड के बहुत से फर्जी अकाउंट नंबर हैं जिनकी मदद से लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं। वह भारत में जाकर फर्जी काल सेंटर शुरू करे।
डेढ़ साल बाद भारत लौटे नमन ने ध्रुव के साथ संपर्क किया। पूरी तैयारी करने के बाद इन लोगों ने फर्जी काल सेंटर खोलने के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी। काल सेंटर शुरू करने के बाद नमन अपने गैंग के लिए कोआर्डिनेटर का काम करता था जबकि आर्यन उनका विदेश का संपर्क था। आर्यन बहुत शातिर है। पुलिस की पूछताछ में नमन ने बताया कि पुलिस ने जब छापामारी की तो उसे हर पल की जानकारी थी। इंग्लैंड में होने के बावजूद वह खरड़ में हुई पुलिस की छापामारी की फोटो वाट्सएप पर उसे भेज रहा था। पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के लिए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करवाने में जुटी है।
कनाडा शिफ्ट होने की तैयारी में था लखन
पकड़े जाने से ठीक पहले लखन कनाडा शिफ्ट होने की तैयारी में था। छापामारी में अगर पुलिस कुछ और समय लगाती तो शायद वह निकल जाता। वह कनाडा में अपने भाई के पास जा रहा था। वहां रहकर वह कनाडा के साथ आस्ट्रेलिया में भी यह फर्जीवाड़ा शुरू करने वाला था। उसके जाने के बाद लुधियाना का काम सोमल सूद संभालने वाला था। पुलिस सोमल सूद के खातों की जांच भी कर रही है।
एडीसीपी (आइ) रुपिंदर कौर भट्टी का कहना है कि इंग्लैंड में बैठे फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड के खिलाफ एलओसी जारी करवाया जा रहा है। पुलिस ने अब तक दिल्ली, गुजरात, नाइजीरिया और लुधियाना के रहने वाले 39 लोगों को गिरफ्तार किया है। विदेशी लोगों को फर्जी अधिकारी बनकर ठगने के बाद आर्यन वह पैसा निकलवा लेता था। हवाला या क्रिप्टो करंसी के जरिये पैसा भारत भेजा जाता था। पुलिस ने अदालत के निर्देश पर मोबाइल वॉलेट से मिले 60 लाख रुपए की क्रिप्टो करंसी को कैश करवाकर केस प्रापर्टी बना लिया है।