ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है दिल के रोग का खतराः डॉ. मनबीर सिंह

विश्व हार्ट दिवस की पूर्व संध्या पर लुधियाना मेडीवेज अस्पताल के कर्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनबीर सिंह ने कहा कि कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में मौजूद एक चिकनाई वाला पदार्थ है। जरूरी कोशिकाओं व हार्मोन्स का निर्माण करने में इसकी अहम भूमिका होती है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 04:21 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 04:21 PM (IST)
ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है दिल के रोग का खतराः डॉ. मनबीर सिंह
मेडीवेज अस्पताल के कर्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनबीर सिंह जानकारी देते हुए।

लुधियाना, जेएनएन। विश्व हार्ट दिवस की पूर्व संध्या पर लुधियाना मेडीवेज अस्पताल के कर्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनबीर सिंह ने कहा कि कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में मौजूद एक चिकनाई वाला पदार्थ है। जरूरी कोशिकाओं व हार्मोन्स का निर्माण करने में इसकी अहम भूमिका होती है। लेकिन ज्यादा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल इंसान को दिल का रोगी भी बना सकता है। हालांकि सारे कोलेस्ट्रॉल खराब नहीं होते, मगर इनका लेवल कंट्रोल में रहना जरूरी है। एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। क्योंकि इसका लेवल बढऩे पर ही व्यक्ति को दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जबकि एचडीएल (हाई डेफिसिएंसी लिपोप्रोटीन) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। क्योंकि यह कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।

एलडीएल के बढऩे से कोशिकाओं में सिकुडऩ की स्थिति बन जाती है, जिससे अंगों को रक्त की पूर्ति में कमी आने लगती है। यह स्थिति आगे जाकर हार्ट अटैक का कारण बनती है। हालांकि यह बात भी पूरी तरह सही नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल के बढऩे से ही हार्ट अटैक होता है, क्योंकि इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। अस्पताल के चेयरमैन भगवान सिंह भाऊ ने कहा कि सेहतमंद जीवन के लिए दिल को तंदरुस्त रखना जरूरी है। इसके लिए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना जरूरी है। मक्खन, पनीर व लाल मीट जैसे ज्यादा चिकनाई वाले भोजन की बजाय फाइबर फूड, ताजे फल व सब्जियां और कम मात्रा में जैतून के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीजों को लगातार अपनी दवा लेते हुए एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। इससे हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।

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