Power Crisis In Punjab: लुधियाना के उद्यमियाें काे एक्सपोर्ट के आर्डर रद होने का खतरा, रोज करोड़ों का नुकसान
Power Crisis In Punjab फेडरेशन आफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशंस (फोपसिया) के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने बताया कि पीएसपीसीएल की ओर से 11 जुलाई तक बिजली सप्लाई के ठप रखने के फैसले में अभी कोई संशोधन नहीं किया है।
लुधियाना, जागरण संवाददाता। Power Crisis In Punjab: बिजली संकट खत्म नहीं होने के चलते अब उद्यमियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। पीएसपीसीएल और पंजाब सरकार की ओर से बिजली संकट का हल नहीं निकल पाने से उद्यमियों के लिए इस समय कर्फ्यू वाली स्थिति बन गई है। इसे लेकर उद्यमियों का कहना है कि इस समय पंजाब के उद्योगों के लिए इतना बड़ा संकट पैदा हो गया है कि कर्मचारियों के वेतन तक निकालने मुश्किल हो गए हैं। ऐसे में अब भगवान पर ही भरोसा हैं, जो बरसात कर दोबारा कारखानों को पटरी पर लौटा सकते हैं।
फेडरेशन आफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशंस (फोपसिया) के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने बताया कि पीएसपीसीएल की ओर से 11 जुलाई तक बिजली सप्लाई के ठप रखने के फैसले में अभी कोई संशोधन नहीं किया है। इससे पिछले तीन दिन से बंद पड़े उद्योगों खासकर स्टील एवं यार्न मिलों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। धीरे-धीरे इसका असर फिनिशड गुड्स इंडस्ट्री पर भी आना आरंभ हो गया है।
जिले की करीब पांच हजार लार्ज स्केल इंडस्ट्री बंद
उद्यमियाें ने बताया कि इस समय जिले की करीब पांच हजार लार्ज स्केल इंडस्ट्री बंद पड़ी हैं। बिजली संकट के कारण जिले में अभी तक करीब छह हजार करोड़ रुपये का उत्पादन प्रभावित हो चुका है। अगर यही हालात रहे तो करोड़ों का एक्सपोर्ट के आर्डर रद हो सकते हैं। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाला जाए।
व्यापार मंडल ने भी किया विरोध
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल जिला यूनिट की ओर से फील्डगंज कूचा नंबर 9 में महासचिव सुनील मेहरा, अश्विनी महाजन, शहरी प्रधान सरदार बलजीत सिंह ने बिजली कटों का विरोध किया। सुनील मेहरा और बलजीत सिंह ने कहा कि आज पंजाब में बिजली का ब्लैकआउट हो चुका है। व्यापार और उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार प्लानिंग के स्तर पर बुरी तरह से फेल हुई है। इसको लेकर सरकार को पहले से ही प्लानिंग करनी चाहिए थी कि बिजली की अधिक आवश्यकता है तो इसको कैसे मैनेज किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र इस समस्या का हल न हुआ, तो व्यापारी हर बाजार में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।