लुधियाना सिविल अस्पताल के मेन गेट पर बुजुर्ग बोला- भगवान के नाम पर कोई मुझे इमरजेंसी में पहुंचा दो...
लुधियाना में भारत नगर चौक के पास रहने वाले अमृतपाल ने बताया कि शुक्रवार से ही बुजुर्ग सिविल अस्पताल के मेन गेट के पास है। वहां लोगों ने अस्पताल की इमरजेंसी में जाकर उस मरीज को उठाने के लिए भी कहा था लेकिन किसी ने एक न सुनी।
लुधियाना, विनोद पुरोहित। 'भगवान के नाम पर कोई मुझे इमरजेंसी तक पहुंचा दो...।' ये शब्द सिविल अस्पताल के मेन गेट पर तीन दिन से कड़ाके की सर्दी में बैठा एक लावारिस बुजुर्ग बोल रहा था। बताया जा रहा है कि लोगों ने उसे इमरजेंसी में दाखिल करवाने की कोशिश भी की थी, लेकिन उसे अंदर दाखिल नहीं किया गया। अंत में सोमवार को लोगों ने इकट्ठा होकर संवेदना ट्रस्ट से बातचीत की और ट्रस्ट की एंबुलेंस मंगवाकर उसे इमरजेंसी में दाखिल करवाया।
भारत नगर चौक के पास रहने वाले अमृतपाल ने बताया कि शुक्रवार से ही बुजुर्ग सिविल अस्पताल के मेन गेट के पास है। वहां लोगों ने अस्पताल की इमरजेंसी में जाकर उस मरीज को उठाने के लिए भी कहा था, लेकिन किसी ने एक न सुनी। फिर कपिल सिद्धू, अंकुर, साहिल, राहुल व डिंपल ने बुजुर्ग के लिए कंबल व खाने-पीने का प्रबंध किया। हालांकि मरीज कुछ खाने की हालत में नहीं था। सोमवार को वह बेहोश हो गया तो लोगों ने ट्रस्ट से बात की और मरीज को इमरजेंसी में दाखिल करवाया।
डाक्टरों की निगाह नहीं गई मरीज पर
बता दें कि मरीज तीन दिन से अस्पताल के मेन गेट पर बैठा था, लेकिन हैरानी वाली बात है कि मेन गेट से पूरा दिन डाक्टर व स्टाफ अपनी गाड़ियों से गुजरते रहे। किसी ने जहमत नहीं उठाई कि मरीज को अस्पताल तक पहुंचा दिया जाए।
मुझे ऐसे किसी भी मरीज के विषय में कोई जानकारी नहीं है। मैं इमरजेंसी के डाक्टर से मरीज के बारे में पता करके मामले की जांच करूंगी।
- डा. हतिंदर कौर, इंचार्ज, आइसोलेशन सेंटर, सिविल अस्पताल
हमें सोमवार की दोपहर लोगों ने आकर बताया कि अस्पताल के मेन गेट पर एक मरीज बेहोश पड़ा है। हमने तुरंत अपने ड्राइवर जसपाल सिंह को भेजकर मरीज को वहां से उठाकर अस्पताल में दाखिल करवा दिया। फिलहाल मरीज ठीक है।
- जजप्रीत सिंह, मैनेजर, संवेदना ट्रस्ट