पर्यावरण के दुश्मनों ने उजाड़े थे पौधे, प्रेमियों ने फिर बसा दिए

गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में ईको सिख संस्था गुरु नानक पवित्र माइक्रो जंगल लगा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:07 AM (IST)
पर्यावरण के दुश्मनों ने उजाड़े थे पौधे, प्रेमियों ने फिर बसा दिए
पर्यावरण के दुश्मनों ने उजाड़े थे पौधे, प्रेमियों ने फिर बसा दिए

जासं, लुधियाना : गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में ईको सिख संस्था गुरु नानक पवित्र माइक्रो जंगल लगा रही है। इसमें विभिन्न संस्थाओं को सहयोग भी लिया जा रहा है। इसी के तहत लुधियाना लेडीज केयर्स ने ईको सिख संस्था के साथ फोकल प्वाइंट में पवित्र गुरु नानक माइक्रो जंगल लगाया। इसमें कुल 550 पौधे लगाए गए, लेकिन कुछ दिन बाद ही कुछ उद्यमियों ने सीवरेज में केमिकलयुक्त पानी छोड़ा और सीवरेज जाम होने की वजह से वह पानी खाली प्लॉटों में भर गया। यही केमिकलयुक्त पानी पवित्र जंगल तक जा पहुंचा और इससे कई पौधे खराब हो गए। संस्था ने इन पौधों को बचाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन 194 पौधे नहीं बचाए जा सके। अब संस्था के सदस्यों ने खराब हुए इन 194 पौधों की जगह नए पौधे लगा दिए हैं। साथ ही पौधों के आसपास पराली डाल दी ताकि सर्दी में मिट्टी में नमी बनी रहे और पौधों का विकास जल्दी हो।

ईको सिख संस्था ने लुधियाना लेडीज केयर्स व कुछ उद्यमियों के सहयोग से फोकल प्वाइंट फेज-5 में मियावाकी तकनीक से शहर में पहला माइक्रो फॉरेस्ट लगाया था। यहां पर करीब 150 गज में मियावाकी तकनीक से 550 पौधे लगाए थे। लोग इन जंगलों से जुड़े रहें इसलिए इन जंगलों को गुरुनानक पवित्र जंगल का नाम दिया जा रहा है। इसके बावजूद कुछ उद्यमियों की करतूतों के कारण इस जंगल को काफी नुकसान हुआ। लुधियाना लेडीज केयर्स की संस्थापक सदस्य हरप्रीत सोइन ने संस्था के फेसबुक पेज पर फिर से यह जानकारी दी कि पहले गुरुनानक पवित्र जंगल में खराब हुए पौधों को दोबारा से लगा दिया गया है। हरप्रीत सोइन का कहना है कि पौधों की देखभाल की जा रही है और इसके लिए कुछ और उपाय भी अपनाए जा रहे हैं। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था यह मामला

पवित्र जंगल में जब केमिकल युक्त पानी छोड़ा गया था तो लुधियाना केयर्स एनजीओ ने अपने फेसबुक पेज पर उद्यमियों के इस कृत्य को अपलोड किया था। दैनिक जागरण की ओर से इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इसके अलावा जंगल को नुकसान पहुंचाने वाले उद्यमियों की काफी किरकिरी हुई। संस्था ने जब पवित्र जंगल में जमा केमिकलयुक्त पानी के फोटो पोस्ट किए और ऐसा पानी छोड़ने वालों पर कटाक्ष किया था तो लोगों ने गंदा पानी छोड़ने वालों को जमकर कोसा।

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