इस सीजन जगराओं ब्लाक में 150 जगह जली पराली

किसान अपने धान के खेत जल्दी खाली करने के चक्कर में पर्यावरण को प्रदूषित करने में लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 04:15 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:15 AM (IST)
इस सीजन जगराओं ब्लाक में 150 जगह जली पराली
इस सीजन जगराओं ब्लाक में 150 जगह जली पराली

जागरण संवाददाता, जगराओं : किसान अपने धान के खेत जल्दी खाली करने के चक्कर में पर्यावरण को प्रदूषित करने में लगे हैं। यही कारण है कि इस समय वातावरण में स्माग (फोग और स्मोक) देखने को मिल रही है।

ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर डा. गुरदीप सिंह ने बताया कि धान की कटाई के बाद किसान पराली को आग लगा रहे हैं, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। अभी तक पीएयू के रिमोट सेंसिग विभाग द्वारा जगराओं ब्लाक में 150 जगहों पर पराली जलाने के संकेत मिले है। कृषि विभाग द्वारा गांव-गांव लगाए गए नोडल अफसरों ने 130 जगहों का निरीक्षण किया। इस दौरान 64 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई। विभाग द्वारा 45 किसानों के खातों पर रेड मार्किंग भी कर दी गई है। इसके अलावा रेवन्यू विभाग, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व खेतीबाड़ी विभाग द्वारा 40 किसानों के चालान काटकर नोटिस भी जारी किए गए हैं।

सख्ती के बावजूद नहीं मान रहे किसान

डा. गुरदीप सिंह ने बताया कि धान के सीजन में किसान व जमींदार पराली न जलाएं, इसकी चेकिंग के लिए 145 नोडल अफसर लगाए गए हैं, जो गांव-गांव जाकर चेकिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन किसान बाज नहीं आ रहे हैं।

दमा व अस्थमा के मरीजों को होती है परेशानी

इस संबंधी सिविल असपताल जगराओं के एसएमओ डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि पराली जलाने से निकलने वाले धुएं से दमा, अस्थमा के मरीजों को काफी परेशानी होती है।

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