अस्पताल के सामने बनाया डंप, बदबू से मरीज व डॉक्टर परेशान

कैप्टन सरकार ने 'तंदुरुस्त पंजाब' मिशन शुरू कर लोगों को सेहतमंद बनाने का नारा दिया था। इस मिशन का उद्देश्य लोगों को साफ पेयजल, मानक हवा के अलावा उनको मिलावट रहित भोजन व खाने-पीने की चीजें मुहैया करवाना है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 08:25 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 11:47 AM (IST)
अस्पताल के सामने बनाया डंप, बदबू से मरीज व डॉक्टर परेशान
अस्पताल के सामने बनाया डंप, बदबू से मरीज व डॉक्टर परेशान

आशा मेहता, लुधियाना

कैप्टन सरकार ने 'तंदुरुस्त पंजाब' मिशन शुरू कर लोगों को सेहतमंद बनाने का नारा दिया था। इस मिशन का उद्देश्य लोगों को साफ पेयजल, मानक हवा के अलावा उनको मिलावट रहित भोजन व खाने-पीने की चीजें मुहैया करवाना है। लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार लाना है। पर महानगर में सरकार के इस मिशन को अफसर ही विफल करने की कोशिशों में लगे हैं। दरअसल चंडीगढ़ रोड पर स्थित वर्धमान मिल के पीछे बनाए गए 30 बेड के मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के सामने खाली जगह को कूड़े के डंप में तबदील कर दिया गया है। रोजाना इस जगह पर खुले में सैकड़ों टन कूड़ा फेंका जा रहा है। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को ये कूड़े का ढेर संक्रमण बांट रहा है। कूड़े की बदबू से न सिर्फ मरीज बल्कि चिकित्सक भी परेशान है। अस्पताल के सामने कूड़ा न फेंका जाए, इसको लेकर एसएमओ ने निगम कमिश्नर से लेकर विधायक व मंत्री तक को लिखित शिकायत दी पर हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इस गंभीर मसले का हल करने के लिए कोई कदम तक नहीं उठाया। रोज 350 से 400 मरीज आते हैं ओपीडी में

30 बैड के मदर एंड चाइल्ड अस्पताल व अस्पताल के अंदर चल रही ईएसआइसी की डिसपेंसरी में नियुक्त विशेषज्ञों से जांच करवाने के लिए रोज 350 से 400 मरीज ओपीडी में आते हैं। इसमें से 250 से अधिक मरीज नवजात से लेकर 15 साल तक के बच्चे होते हैं जबकि 50 से ज्यादा गर्भवती महिलाएं होती हैं जो रूटीन चेकअप के लिए आती हैं। कूड़े के ढेर में मुंह मारते हैं कई लावारिस पशु

अस्पताल की एसएमओ डॉ. अमिता जैन के अनुसार ज्यादातर मरीज जब ओपीडी में जांच के लिए आते हैं तो वह बताते हैं कि उन्हें अस्पताल पहुंचने तक लावारिस पशुओं का सामना करना पड़ता है। वे अस्पताल के गेट से पुलिस थाने तक सड़क के बीच बैठे होते हैं। एसएमओ के अनुसार कूड़े के ढेर में पशु भोजन तलाशते हैं और कूड़ा बिखर देते हैं। कई बार तो पशु लड़ते हुए अस्पताल के अंदर तक आ जाते हैं। दूसरा कूड़े के ढेर की वजह से हर समय बदबू उठती रहती है। बारिश में तो हालात और बदतर हो जाते हैं। कमिश्नर, मंत्री, विधायक, किसी ने भी समस्या हल नहीं की: एसएमओ

मदर एंड चाइल्ड अस्पताल की एसएमओ डॉ. अमिता जैन ने कहा कि अस्पताल के सामने कूड़ा न फेंका जाए, इसको लेकर वह पिछले एक साल से चिट्ठियां लिख रही हैं। सबसे पहले निगम कमिश्नर को लिखा। उन्होंने कहा जोन कमिश्नर को शिकायत दो पर उन्होंने भी कुछ नहीं किया। दो माह पहले सिविल सर्जन मीटिंग में ज्वाइंट कमिश्नर के समक्ष मुद्दा उठाया। विधायक संजय तलवाड़ व मंत्री भारत भूषण आशु तक भी समस्या को उठाया। कहीं से भी फेंके जा रहे कूड़े की समस्या के समाधान को लेकर पहल नहीं की गई। कूड़ा उठवाएंगे, निगरानी के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाएंगे : विधायक

विधायक संजय तलवाड़ ने कहा कि यदि अस्पताल के बाहर कूड़ा जमा है तो वह मंगलवार सुबह ही उसे उठवा देंगे। इसके साथ ही कूड़ा रेगुलर उठाया जाए, उसकी निगरानी के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाएंगे। विधायक तलवाड़ ने कहा कि वह चाहते हैं कि जहां-जहां पर कूड़ा डंप हो रहा है, वहां स्टेटिक कंपेक्टर लगवा दिए जाएं। पर उस इलाके के लोग विरोध करने लगते हैं। स्टेटिक कंपेक्टर यदि लग जाता है, तो इससे कूड़ा बाहर नहीं आएगा।

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