Drugs Problem in Punjab: पंजाब की जवानी काे बर्बाद कर रहा नशा, लुधियाना में नशेड़ी युवक को पेड़ के साथ जंजीर से बांधा
Drugs Problem in Punjab नशे के लिए बाग सिंह घर का सामान भी चोरी करने लगा। उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया। मानसिक संतुलन खोने के कारण पिछले कुछ महीनों से भाग सिंह को उसके परिवार के सदस्यों ने पेड़ से बांधा है।
संस, समराला (लुधियाना)। Drugs Problem in Punjab: चुनावों से पहले गुटका साहिब की शपथ खाकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 100 दिन में सूबे को नशा मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन आज भी कई इलाकाें में नशे की लत का शिकार युवकों के रौंगटे खड़े होने वाले मामले सामने आ ही जाते हैं। इससे यह भी आकलन होता है कि नशा आज भी पंजाब की जवानी को बर्बाद कर रहा है, ऐसा ही एक गंभीर मामला समराला के नजदीक गांव सियाला से सामने आया है।
यहां पर 28 वर्षीय युवक भाग सिंह ने नशा न मिलने के कारण अपना मानसिक संतुलन खो दिया। वह गांव में लोगों को तंग करने लगा। इससे परेशान परिवार ने उसे पेड़ से बांध दिया। जानकारी मिलने पर 28 वर्षीय युवक भाग सिंह की हालत पर रविवार काे प्रशासन हरकत में आया। सेहत विभाग की टीम, प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों ने उसे सिविल अस्पताल में पहुंचाया। यहां पर उसका इलाज सरकारी खर्च पर किया जाएगा। भाग सिंह को कुछ साल पहले उसके नशेड़ी साथियों के साथ नशे की लत लग गई। हालत यह हो गई कि वह नशे के बिना नहीं रह सकता था।
नशे के लिए वह घर का सामान भी चोरी करने लगा। वह गांव में उत्पात मचाने लगा और उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया। मानसिक संतुलन खोने के कारण पिछले कुछ महीनों से भाग सिंह को उसके परिवार के सदस्यों ने पैरों में बेड़ियां डाल कर उसे घर में ही लगे हुए पेड़ के साथ बांधा हुआ था। भाग सिंह की माता चरणजीत कौर का कहना है कि अगर उसको नहीं बांधते थे तो वह गांव में उत्पात मचाता था। लोगों से झगड़ते रहता था, इसलिए उसको पेड़ से बांधा गया। उसकी माता चरणजीत कौर का कहना था कि उसका बेटा प्लंबर का काम करता था। नशे की लत के कारण उसका कामकाज भी ठप हो गया।
पिता की हो चुकी है मौत
भाग सिंह के पिता की मौत हो चुकी है। घर का गुजारा हो पाना मुश्किल हो चुका था। आज भी सिर्फ दो वक्त की रोटी ही नसीब हो रही है। भाग सिंह को आज समराला के सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाया गया। उसकी माता चरणजीत कौर का कहना है कि अब उसने चैन की सांस ली है कि उसके बेटे का इलाज अब सरकारी खर्चे पर होगा।
समराला सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. तार्कजोत सिंह का कहना है कि भाग सिंह का इलाज अब सरकारी खर्चे पर समराला के नशा छुड़ाओ केंद्र में किया जाएगा। गांव के लोग साफ कहते हैं कि गांव में नशा बढ़ रहा है, लेकिन इस पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं है। युवा इसकी चपेट में आकर अपनी जवानी खो रहे हैं और दिन ब दिन मौत की आगोश में जा रहे हैं।