जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संग से जुड़ें : सलिल
डा. सलिल ने कहा कि जिसे भक्ति का एक बार स्वाद मिल गया वह भगवान की भक्ति में दिनरात लीन हो जाता है। जिस क्षण व्यक्ति हृदय से भगवान से जुड़ जाता है उसी क्षण से वह प्रसन्नचित हो जाता है।
संस, लुधियाना : भगवान के श्री चरणों में स्थान प्राप्त करने के लिए हृदय से प्रभु को स्मरण करने की आवश्यकता है। किसी ने भगवान को देखा तो नहीं है, लेकिन भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मन के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं। ये बात डा. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने नूरवाला रोड स्थित, विवेक धाम मंदिर में विवेक जागृति मिशन द्वारा स्वामी विवेक भारती की अध्यक्षता में कराए जा रहे श्रीमद भागवत सप्ताह में कही।
डा. सलिल ने कहा कि जिसे भक्ति का एक बार स्वाद मिल गया, वह भगवान की भक्ति में दिनरात लीन हो जाता है। जिस क्षण व्यक्ति हृदय से भगवान से जुड़ जाता है, उसी क्षण से वह प्रसन्नचित हो जाता है। इसीलिए कहा गया है कि भगवान के श्री चरणों में ही सभी समस्याओं का हल है। इसलिए जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संग से जुड़ना अनिवार्य है।
कथा में मुख्य यजमान विजय गर्ग (हैप्पी) ने परिवार सहित पूजन किया। इस अवसर पर स्वामी समृति भारती, राष्ट्रीय हिदू मंच पंजाब के प्रधान पवन शर्मा, श्री दुर्गा सेवक संघ के प्रधान बलबीर गुप्ता, डा. ओपी शर्मा रमन शर्मा, रामानुज दास नमन, कपिल, राज, जतिद्र, विशाल, भूपिदर सिंह, अमन, श्रुति, जय श्री, प्रभाकर आदि उपस्थित थे।