विद्यार्थी बनें भाषा के विद्ववान, डॉ प्रदीप हिदी को बना रहे आसान

पंजाबी परिवार में जन्मे और पंजाबी भाषा के साथ पले बड़े डॉ प्रदीप कुमार को हिदी से ऐसा प्यार हुआ कि उन्होंने खुद को हिदी के लिए समर्पित कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 06:21 AM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 06:21 AM (IST)
विद्यार्थी बनें भाषा के विद्ववान, डॉ प्रदीप हिदी को बना रहे आसान
विद्यार्थी बनें भाषा के विद्ववान, डॉ प्रदीप हिदी को बना रहे आसान

जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाबी परिवार में जन्मे और पंजाबी भाषा के साथ पले बड़े डॉ प्रदीप कुमार को हिदी से ऐसा प्यार हुआ कि उन्होंने खुद को हिदी के लिए समर्पित कर दिया। पहले खुद हिदी विषय में मास्टर डिग्री हासिल की, उसके बाद हिदी अध्यापक बन गए। हिदी अध्यापक बनने के साथ ही उन्होंने पंजाबी भाषा के साथ हिदी को प्रफुल्लित करने की ठान ली।

सूबे में हिदी आगे बढ़े इसके लिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर हिदी शिक्षक संघ की स्थापना की। शिक्षा विभाग ने उन्हें छठी कक्षा से आठवीं कक्षा के लिए हिदी की किताबें सेट करने की कमेटी में रखा। यहां कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर हिदी विषय को रोचक बनाया। डॉ प्रदीप कुमार द्वारा तैयार की गई हिदी की किताबें सूबे में छठी से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई जा रही हैं। वे इस समय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ललतों में प्रिंसिपल के साथ हिदी शिक्षक संघ के संरक्षक हैं। डॉ प्रदीप कुमार ने हेड मास्टर बनने के बाद भी हिदी की पढ़ाई नहीं छोड़ी और हिदी विषय में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। हिदी विषय में उनके पांच से ज्यादा शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

हिदी के सम्मान के लिए किया संघर्ष

डॉ प्रदीप कुमार ने अपने हिदी शिक्षक साथियों के साथ मिलकर हिदी शिक्षक संघ बनाया। उसके बाद पूरे प्रदेश के हिदी शिक्षकों को संगठित किया। विभाग से लेकर सरकार तक सभी के साथ हिदी के लिए लड़ते रहे। शिक्षा विभाग ने कई बार हिदी विषय के पीरियड कम करने की कवायद शुरू की, लेकिन हिदी शिक्षक संघ के विरोध के कारण विभाग को अपने फैसले वापस लेने पड़े। अभी भी हिदी को सम्मान दिलाने की लड़ाई अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार लड़ रहे हैं। प्रदीप कुमार का कहना है कि वह मूलत: लुधियाना के रहने वाले हैं। परिवार में पंजाबी भाषा का प्रयोग होता रहा लेकिन राष्ट्रभाषा हिदी शुरू से उनका पसंदीदा विषय रहा।

हिदी में अच्छे अंक लाने वाले हजारों विद्यार्थी होते हैं सम्मानित

डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि हिदी शिक्षक संघ पंजाबी भाषा का पूरा सम्मान करता है, क्योंकि पंजाबी हमारी मातृ भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ उनका विशेष लगाव है। हिदी को प्रफुल्लित करना है, तो नई पीढ़ी को हिदी से जोड़ना होगा। इसके लिए उनकी संस्था हर साल बोर्ड परीक्षाओं में शानदार अंक लाने वाले हजारों विद्यार्थियों को पूरे प्रदेश में सम्मानित करती है। कोरोना काल में वह बच्चों को ई-सर्टिफिकेट देकर सम्मानित कर रहे हैं। इस साल हिदी में बेहतर अंक हासिल करने वाले 1038 स्कूलों के 25000 विद्यार्थी ई सर्टिफिकेट लेने के लिए आवेदन कर चुके हैं।

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