अपनी ओपीडी में देखे 450 मरीज, पैरामेडिकल स्टाफ ने नहीं किए लैब टेस्ट और न दवाएं दी
एनपीए को बेसिक पे से डीलिग करने और एनपीए घटाने के विरोध में सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने वीरवार को भी पैरलल ओपीडी की।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : एनपीए को बेसिक पे से डीलिग करने और एनपीए घटाने के विरोध में सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने वीरवार को भी पैरलल ओपीडी की। सिविल अस्पताल और मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में डाक्टरों ने अपनी ओपीडी में करीब साढ़े चार सौ मरीजों की जांच की। हालांकि सिविल अस्पताल की ओपीडी में सुबह ग्यारह बजे तक मेडिसिन विभाग का कोई भी डाक्टर नहीं था। डा. अमनप्रीत अवकाश पर थीं, जबकि डा. बलदीप सिंह वार्डों में राउंड पर रहे। जिसकी वजह से खांसी, बुखार, डायरिया, उल्टी दस्त व अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। करीब साढ़े ग्यारह बजे डा. बलदीप अपनी ओपीडी में आए और मरीजों की जांच की। वहीं आर्थों विभाग में भी साढ़े दस बजे के करीब एक डाक्टर मौजूद नहीं था। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल की ओपीडी ब्लाक में रेनोवेशन का काम चलने की वजह से कई डाक्टरों ने दूसरे डाक्टरों के रूम में बैठकर मरीजों को देखा। मरीजों को इसकी जानकारी न होने की वजह से वह भटकते दिखे।
उधर, दूसरी तरफ दोनों अस्पतालों के पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट अचानक हड़ताल पर चले गए। जिसकी वजह से दोनों अस्पतालों में स्थित लैब में ओपीडी में आए मरीजों के लैब टेस्ट नहीं किए। केवल अस्पताल में भर्ती, इमरजेंसी व कोरोना मरीजों के ही टेस्ट किए जा रहे थे। इसके अलावा दोनों अस्पतालों में फार्मेसी भी बंद थी। जिसकी वजह से डाक्टरों से जांच करवाकर दवा लेने के लिए फार्मेंसी में पहुंचे मरीजों को दवाएं नहीं मिली और उन्हें अस्पताल के बाहर स्थित केमिस्टों से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ा। कई मरीजों को एनजीओ ने दवाएं उपलब्ध करवाई। ----आशा