दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान ने लगाया ध्यान शिविर

दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा लम्मियांवाला बाग जगराओं में विश्व शांति की मंगल कामना के उदेश्य से ध्यान शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:53 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:53 PM (IST)
दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान ने लगाया ध्यान शिविर
दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान ने लगाया ध्यान शिविर

जागरण संवाददाता, जगराओं : दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा लम्मियांवाला बाग जगराओं में विश्व शांति की मंगल कामना के उदेश्य से ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद ने बताया कि आज 21 वीं सदी के वैज्ञानिक एवं प्रगतिवादी युग में मनुष्य के पास भौतिक सुख सुविधाएं तो हैं परन्तु मानसिक शांति का अभाव होने के कारण मनुष्य अशांत एवं अवसाद से ग्रसित है। ध्यान को मानसिक शांति का उपाय बताते स्वामी ने बताया कि हमारी सनातन भारतीय संस्कृति की मेधा प्रज्ञा इस तथ्य को सर्वसम्मति से स्वीकार करती है कि ध्यान से ही मनुष्य मानसिक शांति को प्राप्त कर सकता है। परन्तु विडंबना है कि आज मूलत: सम्मोहन क्रिया को ही ध्यान का अंग स्वीकार कर लिया जाता है जबकि ऐसा नहीं है। ध्यान तो वैदिक सनातन पद्धति का विशुद्ध अंग है। जोकि ध्येय और ध्याता के संयोग से पूर्ण होता है। समस्त धार्मिक ग्रंथों में ईश्वर को प्रकाश स्वरूप बताया गया है जैसे कि वेदों में ईश्वर को आदित्यवर्णम भाव की सूर्य स्वरूप बताकर अंत: करण में उसके प्रकाश स्वरूप दर्शन की बात की गई है। जिसे गायत्री मंत्र में भर्गो देवस्य धीमहि के उदघोषस्वरूप बताया गया है जिससे पूर्ण सदगुरू शरणगति साधक को ब्रहम् ज्ञान की दीक्षा प्रदान कर उसकी दिव्य ²ष्टि खोलकर उसके ध्येय स्वरूप ईश्वर के प्रकाश स्वरूप का दर्शन करवाते है। फिर शुरू होती है ध्यान की शाश्वत प्रक्रिया। जिससे ध्याता अपने भीतर सत् चित्त आंनद को प्राप्त करना है। ईश्वर से एकात्म हुए साधक का हर दिन हर पल एक दिव्य पर्व से जीवन का गर्व बन जाता हे। इस मौके पर सामूहिक ध्यान कर जहां मानसिक शांति एवं परम आनंद को प्राप्त किया वहीं साध्वी मनस्विनी भारती व हरप्रीत भारती ने प्रेरणादायक भजनों व दिव्य मंत्रों का उच्चारण कर विश्व शांति एवं सर्व जगत कल्याण की मंगल प्रार्थना की गई है।

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