Youth Festival: यूथ फेस्टिवल वर्चुअली कराने की तैयारी, डायरेक्टर यूथ वेलफेयर मांगेंगे सुझाव
PU Youth Festival पीयू के डायरेक्टर यूथ वेलफेयर डा. निर्मल जौड़ा ने कहा कि अगले सप्ताह राज्य के बारह जोन को पत्र जारी कर यूथ फेस्टिवल को लेकर सुझाव लेंगे। देखा जाएगा कि कौन-कौन से आइटम्स आनलाइन करवाए जा सकते हैं।
लुधियाना, जेएनएन। यूथ फेस्टिवल में कालेज के छात्र-छात्राओं को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है। कोविड-19 के कारण इस बार अब तक यूथ फेस्टिवल के आयोजन पर असमंजस बरकरार था। अब पंजाब यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर यूथ वेलफेयर विभाग ने यूथ फेस्टिवल का आयोजन वर्चुअल करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। अगले सप्ताह से इस संबंध में पंजाब के सभी बारह जोनों से सुझाव लिए जाएंगे।
डायरेक्टर यूथ वेलफेयर डा. निर्मल जौड़ा ने कहा कि अगले सप्ताह राज्य के बारह जोन को पत्र जारी कर यूथ फेस्टिवल के आयोजन को लेकर सुझाव लेंगे कि कौन-कौन से आइटम्स आनलाइन करवा सकते हैं और कौन से आफलाइन। सुझाव आने के बाद उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी में स्वीकृति के लिए भेजेंगे।
हर साल जोनल यूथ फेस्टिवल का आयोजन सितंबर, इंटर जोनल का अक्टूबर और इंटरवरसिटी जोनल यूथ फेस्टिवल का आयोजन नवंबर में होता था। परपंरा यह भी है कि जिस कालेज ने गत वर्ष यूथ फेस्टिवल की मेजबानी की होती है, उनके प्रिंसिपल कन्वीनर बन जाते हैं और वह मीटिंग कर अगले साल किस कालेज में यूथ फेस्टिवल होना है, इसका निर्णय लेते हैं। गत वर्ष जोन-ए (को-एजूकेशन) का यूथ फेस्टिवल माता गंगा खालसा कालेज और जोन बी (लड़कियों) का यूथ फेस्टिवल मिल्लरगंज के रामगढ़िया गर्ल्स कालेज में हुआ था।
व्यक्तिगत आइटमस आनलाइन कराना संभव
रामगढ़िया गर्ल्स कालेज मिल्लरगंज की प्रिंसिपल डा. इंद्रजीत कौर ने कहा कि यूथ फेस्टिवल में होने वाले व्यक्तिगत आइटम्स आनलाइन संभव हैं। दूसरी तरफ ग्रुप आइटम्स को हालात बेहतर होने पर आफलाइन कराया जा सकता है।
गैप विद्यार्थियों का रूझान कर सकता कम
माता गंगा खालसा कालेज मंजी साहिब कोटा की प्रिंसिपल कुलदीप कौर ने कहा कि वह यूथ फेस्टिवल आनलाइन कराने के हक में है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आनलाइन पढ़ाई, वेबिनार भी हो रहे हैं। ऐसे में यूथ फेस्टिवल के व्यक्तिगत आइटम्स जैसे कैलीग्राफी, डिबेट, निबंध और कविता लेखन, गायकी आदि मुकाबले आनलाइन करवाए जा सकते हैं। ग्रुप आइटम्स को स्थिति थोड़ा सामान्य होने पर आफलाइन कराया जा सकता है। उनका मानना है कि यूथ फेस्टिवल में एक साल का गैप नहीं होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों का रूझान कम हो सकता है।
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