ऑफर्स के बावजूद अक्षय तृतीया पर नहीं चमका सोना

अक्षय तृतीया के दिन बंपर सेल की आस लगाए बैठे सराफा बाजार को इस साल रौनक देखने को नही मिली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Apr 2018 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 19 Apr 2018 02:31 PM (IST)
ऑफर्स के बावजूद अक्षय तृतीया पर नहीं चमका सोना
ऑफर्स के बावजूद अक्षय तृतीया पर नहीं चमका सोना

लुधियाना : अक्षय तृतीया के दिन बंपर सेल की आस लगाए बैठे सराफा बाजार को इस साल रौनक देखने को नहीं मिली। हर साल अक्षय तृतीया पर सोने की चमक फीकी होने से ज्वैलर्स परेशान हैं। बुधवार को उम्मीद के विपरीत सोने की बिकवाली न होने से लुधियाना बाजार ठंडा रहा। ऐसे में ढेरों ऑफर्स के बावजूद बिक्री स्पीड नहीं मिल पाई। इस बार सोने के दाम पिछले साल की तुलना में पंद्रह प्रतिशत अधिक हैं। बात पिछले चार पांच दिन की करें, तो सोने के दाम पांच सौ रुपये तक बढ़ गए हैं। वहीं पिछले साल 24 कैरेट दस ग्राम सोना 29 हजार रुपये था, जो इस बार 32250 का हो गया है। जबकि चांदी पिछले साल 38 हजार रुपये किलो थी जो अब 40 हजार रुपये किलो हो गई है। इस संबंध में लुधियाना ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रधान आनंद सिकरी का कहना है कि इस साल अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद थी। लेकिन निराशा हाथ लगी। इसका एक मुख्य कारण लोगों की परचेजिंग पावर कम होना है। सोने के दाम भी लगातार बढ़ रहें हैं। अक्षय तृतीय पर शुभ दिन होने के बावजूद इस बार का रिस्पांस फीका रहा।

इस बारे में पंडित जी बताते है कि अक्षय का सही मायने में अर्थ किसी तरह का क्षय न होना है। जिसके चलते इस दिन किए किसी काम का क्षय नहीं होता। इस दिन कोई भी की गई खरीदारी करना शुभ है। भारतीय ज्योतिष में चंद्र और सौर मास के अनुसार तिथियों का घटना-बढ़ना होता है लेकिन इस दिन सूर्य और चंद्र दोनों एक ही राशि में अपने चरम ¨बदु में होते हैं। जिससे इस दिन किए गए शुभ कार्य, दान व पूजा का कभी क्षय नहीं होता। अक्षय तृतीया का ऐतिहासिक महत्व भी

-त्रेतायुगादि का आरंभ

-भगवान परशुराम का जन्म

-भगवान बद्री नारायण के दर्शन, वृंदावन बांके बिहारी के चरण दर्शन

-महाभारत काव्य का प्रारंभ।

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