ब्लड मोबाइल बस को सात दिन के बाद भी ठीक नहीं करवा सका विभाग

कोरोना महामारी के दौरान छोटे छोटे शिविरों में जाकर ब्लड एकत्रित करने वाली ब्लड मोबाइल बस सात दिन से खराब पड़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 05:15 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 05:15 AM (IST)
ब्लड मोबाइल बस को सात दिन के बाद भी ठीक नहीं करवा सका विभाग
ब्लड मोबाइल बस को सात दिन के बाद भी ठीक नहीं करवा सका विभाग

जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना महामारी के दौरान छोटे छोटे शिविरों में जाकर ब्लड एकत्रित करने वाली ब्लड मोबाइल बस सात दिन से खराब पड़ी है, लेकिन इसे ठीक करवाने को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा। तीन अगस्त को नानकसर में ब्लड डोनेशन शिविर के दौरान बस का कल्च खराब हो गया था। इसके बाद से बस वहीं थी। रविवार को ब्लड मोबाइल बस को टै्रक्टर से टोह करके जगराओं से लुधियाना लाया गया। खराब कल्च को बदलकर नया कल्च लगवाना होगा जिसकी कीमत करीब दो लाख है। यह सुनकर सेहत विभाग के अधिकारी इसे ठीक नहीं करवा रहे हैं। अधिकारियों की अनदेखी की वजह से सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के मरीजों के लिए अब ब्लड जुटाना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि ब्लड मोबाइल बस के खराब होने से ब्लड बैंक के कई रक्तदान शिविर स्थगित हो गए। चार बेड वाली और पूरी तरह एयर कंडीनर यह मोबाइल बस पूरे पंजाब में जाकर ब्लड एकत्रित करती थी। ऐसे में सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक का स्टाफ चितित है।

इस संबंध में बीटीओ डॉ. जीएस ग्रेवाल से जब बात की गई, तो उनका कहना था कि जिस दिन बस खराब हुई थी उसी दिन पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के ज्वाइंट डायरेक्टर को सूचित कर दिया था। इसके साथ ही सिविल अस्पताल की एसएमओ को भी बता दिया था, लेकिन अभी तक बस को ठीक नहीं करवाया जा सका। इसके कारण रक्तदान शिविर प्रभावित हो रहे हैं। अगर यह ठीक हो जाती है, तो शिविर लगाकर रक्त एकत्रित किया जा सकता था। डर है कि शिविर न लगने से सिविल अस्पताल में ब्लड की कमी की समस्या न आ जाए। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते पहले ही बड़े रक्तदान शिविर नहीं लग रहे हैं। ऐसे में बस की मदद से अभी तक अलग अलग जगहों पर जाकर छोटे छोटे शिविर लगाकर रक्त एकत्रित कर रहे थे।

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