लुधियाना में डेंगू ने ली दो और लोगों की जान

डीएमसी में भर्ती दो लोगों ने सोमवार को दम तोड़ दिया। इससे चार दिन पहले दो डाक्टरों व डिस्पेंसरी की एक लैब टेक्नीशियन की डेंगू से मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 01:41 AM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 01:41 AM (IST)
लुधियाना में डेंगू ने ली दो और लोगों की जान
लुधियाना में डेंगू ने ली दो और लोगों की जान

जागरण संवाददाता, लुधियाना :

ठंड की दस्तक के बाद भी डेंगू का कहर जिले में बढ़ता जा रहा है। पांच दिन में डेंगू ने पांच लोगों की जान ले ली है। डीएमसी में भर्ती दो लोगों ने सोमवार को दम तोड़ दिया। इससे चार दिन पहले दो डाक्टरों व डिस्पेंसरी की एक लैब टेक्नीशियन की डेंगू से मौत हो गई थी।

सोमवार को जिन दो लोगों ने डेंगू के कारण दम तोड़ा है इनमें माछीवाड़ा का रहने वाला 33 वर्षीय युवक और सुधार की रहने वाली 39 वर्षीय महिला है। दोनों डेंगू पीड़ितों का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट बहुत कम हो गया था। यह लोग शाक सिड्रोम की स्थिति में पहुंच गए थे। हालांकि इन दोनों मामलों में सेहत विभाग का कहना है कि मरीजो का रिकार्ड संबंधित अस्पताल से मंगवाया जा रहा है। जिला स्तरीय व प्रदेश स्तरीय कमेटी ही जांच के बाद बताएगी कि यह मौतें डेंगू से हुई हैं या नहीं। फिलहाल सेहत विभाग के लिए यह दोनों मौतें डेंगू से होने वाली संदिग्ध की श्रेणी में हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले डेंगू पीड़ित 55 वर्षीय जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. जसप्रीत सिंह, 43 वर्षीय स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शिखा और 31 वर्षीय गर्भवती लैब टेक्नीशियन हेमकलां की मौत हो गई थी। अब तक कुल 11 लोगों की जान जा चुकी है। सेहत विभाग ने सभी को संदिग्ध मौतों की श्रेणी में रखा है। किसी को भी अब तक डेंगू से हुई मौत की श्रेणी में नहीं रखा है। 50 वर्ष से कम उम्र वाले हुए डेंगू के शिकार

अब तक जिले में डेंगू से जितने लोगों की मौत हुई है उनकी उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच है। इनमें सात महिलाएं और चार पुरुष थे।

दस में से तीन मरीज शाक सिंड्रोम के बाद पहुंच रहे अस्पताल

डीएमसी अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार डेंगू मरीजों में दिक्कतें बहुत ज्यादा सामने आ रही हैं। उनके पास मरीज तब पहुंच रहे हैं जब हालत बहुत खराब हो चुकी होती है। इस बार डेंगू शाक सिड्रोम से अधिक मौते हो रही हैं। इमरजेंसी में आने वाले दस मरीजों में से तीन शाक सिंड्रोम के होते हैं। हर जगह से जवाब मिलने के बाद पहुंच रहे हैं। वार्निग सिस्टम की अनदेखी कर घर पर रह रहे मरीज

डीएमसी अस्पताल के मेडिसन विभाग के विशेषज्ञ डा. राजेश महाजन का कहना है कि मरीज जब अस्पताल पहुंच रहे हैं तब तक उनके पेट और फेफड़ों के आसपास पानी भर चुका होता है। इस कारण उनकी किडनी, लीवर और हार्ट पर असर पड़ चुका होता है। ब्लड प्रेशर काफी कम हो चुका होता है। ऐसी स्थिति में मरीज को बचाना बहुत मुश्किल होता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब मरीज पेय पदार्थो की ओर ध्यान नहीं देते हैं। मरीज डेंगू के वार्निग सिस्टम को भी अनदेखा करते हैं। जैसे बेहोशी आना, चक्कर आना, मुंह व नाक से खून निकलना। इसके बावजूद लोग घर पर रहते हैं। इस बीच हालत और बिगड़ जाती है। पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू मरीजों में अधिक दिक्कतें :

डीएमसी अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. मानिक सिगला का कहना है कि इस बार डेंगू के मरीजों में ज्यादा दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। इसका कारण अब तक पता नहीं लग पाया है। पिछले सालों में डेंगू मरीजों में इतनी दिक्कतें एक साथ नहीं होती थीं। मरीज चौथे या पांचवें दिन ही गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं। ब्लड प्रेशर इतना नीचे पहुंच जाता है कि रिकार्ड नहीं हो रहा है।

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