विशेषज्ञों ने चेताया : लुधियाना में इस बार डेंगू के मामलों में हो सकती है बढ़ोतरी, जानें क्या है बचाव
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना और डेंगू ने अगर एक साथ हमला किया तो खतरा पहले से बढ़ जाएगा। मरीज हाई रिस्क में जाएंगे। ऐसी स्थिति में उनका इलाज करना मुश्किल हो जाएगा। दोनों बीमारियों का इलाज एकदम अलग है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना के केस बेशक कम हो गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस महीने के अंत तक रोज आने वाले कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 20 से कम हो जाएगी। वहीं, अब इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। डेंगू का एक मामला सामने भी आ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना और डेंगू ने अगर एक साथ हमला किया तो खतरा पहले से बढ़ जाएगा। मरीज हाई रिस्क में जाएंगे। ऐसी स्थिति में उनका इलाज करना मुश्किल हो जाएगा।
दोनों बीमारियों का इलाज एकदम अलग है। ऐसे में इस बार प्रशासन व नगर निगम को मच्छरों की ब्रीड़िंग को कंट्रोल करने पर विशेष ध्यान देना होगा। सीएमसी अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के हेड डा. क्लारेंस जे सैमुअल का कहना है कि इस बार हर दूसरे हफ्ते में बारिश हो रही है। ऐसे में डेंगू के मामले इस बार पिछले साल से अधिक होंगे। इस बार हालात डेंगू मच्छर के अनुकूल हैं। बादल और बारिश से तापमान लगातार कम रहा है।
कोरोना से भी खतरनाक है डेंगू
डाॅ. क्लारेंस का कहना है कि कोरोना के मुकाबले डेंगू ज्यादा खतरनाक है। इसमें प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं। अगर किसी को कोरोना व डेंगू एक साथ होता है तो इसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाएगा। इस बार सेहत विभाग के साथ सभी विभागों को सेहत पर फोकस करना होगा।
डेंगू से खड़ी होगी बड़ी समस्या
दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल (डीएमसीएच) के मेडिसन विभाग के प्रो. डाॅ. राजेश महाजन का कहना है कि इस बार मई व जून में भी लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में डेंगू फैलाने वाली मादा एडिज एजिप्टी मच्छर भी पैदा होगा। डेंगू के मामले आने से बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। डेंगू को रोकने के लिए अभी से सख्त कदम उठाने होंगे। मच्छरों की ब्रीडिंग को काबू करना होगा। लोगों को खुद भी सतर्कता बरतनी होगी।
दोनों बीमारियों में इलाज उल्टा
दीपक अस्पताल की मेडिसन विशेषज्ञ डाॅ. मनीत कहती हैं कि कोविड में क्लाट बनने की दिक्कत आती है जबकि डेंगू में सेल कम हो जाते हैं और खून पतला होने से ब्लीडिंग की समस्या होती है। क्लाॅट में खून पतला करने की दवाई देनी होती है, जबकि अगर मरीज को डेंगू है तो खून पतला करने की दवा देना मरीज के लिए घातक हो सकता है। दोनों बीमारियों में इलाज उल्टा है।
विभाग को क्या कदम उठाने होंगे
जिला प्रशासन, नगर निगम और सेहत विभाग को जिन स्थानों पर बारिश का पानी जमा होने की संभावना है वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मच्छरों की ब्रीडिंग रुके तो हालात कंट्रोल में रहेंगे।
हमारी जिम्मेदारी क्या रहेगी
आम लोगों को भी इसके लिए जागरूक होना होगा। घर व आसपास में कहीं भी मच्छरों को पैदा न होने दें। जहां मच्छरों के पैदा होने की संभावना रहती है, वहां नजर रखें।
वर्ष डेंगू के केस मौत
2016 755 01
2017 1083 03
2018 489 02
2019 1509 00
2020 1353 00