डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने कहा, अपनी पार्टी की नीतियां जनता पर लागू करना चाहती है सरकार

प्रो. बावा सिंह ने अध्यापकों को कहा कि सरकार ने अपनी जमाती व पार्टी नीतियां जनता पर लागू करनी होती हैं इसलिए सरकार ऐसे हालात बना देती है कि खुद लोगों को भी वह नीतियां लोकपक्षीय दिखने लग जाती हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 04:58 PM (IST)
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने कहा, अपनी पार्टी की नीतियां जनता पर लागू करना चाहती है सरकार
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की बैठक में बोलते हुए मुख्य वक्ता डा.कुलदीप सिंह।

जगराओं, जेएनएन। डैमोक्रेटिक टीचर फ्रंट पंजाब की ब्लाक जगराओं ईकाई की ओर से सीनियर टीचर फोरम के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संभावित बुरे परिणामों संबंधी ब्लाक स्तरीय कन्वेंशन करवाई गई। इस कन्वेंशन में मुख्य वक्ता डा. कुलदीप सिंह व प्रो बावा सिंह थे। सबसे पहले कोरोना काल दौरान जान गंवाने वाले अध्यापकों को श्रद्धांजलि भेंट की गई।

प्रो. बावा सिंह ने कहा कि सरकार ने अपनी जमाती व पार्टी नीतियां जनता पर लागू करनी होती है। इसलिए सरकारें ऐसे हालात बना देती है कि खुद लोगों को भी वह नीतियां लोकपक्षीय दिखने लग जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब शिक्षा का अधिकार बराबर नहीं दिया जा रहा है। यह भेदभाव खत्म होना चाहिए। सरकार ने अध्यापकों को विभिन्न वर्गों में बांट दिया है और वेतन भी पूरा नही दिया जा रहा। अध्यापकों में यह अंतर खत्म करके सारे अध्यापकों की रेगूलर भर्ती की जानी चाहिए।

डा.कुलदीप सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी कहा कि यह शिक्षा नीति पूरी तरह लोक विरोधी है और सरकार  ने कोरोना काल का पूरा फायदा उठाते हुए इसे चोरी से लागू करने की कोशिश की। यह शिक्षा नीति वास्तव में संघ के एजेंडा का ही दूसरा रूप है। पहले शिक्षा को हरेक बच्चे का अधिकार बनाकर उस तक स्कूल पहुंचाया गया था। इस नीति में दस-दस किलोमीटर में एक-एक स्कूल ही रह जाएगा। दलित बच्चे पर गरीब परिवारों के बच्चों से पढ़ाई का अधिकार छीन लिया जाएगा।

सरकार ने एक तरफ तो बजट में जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की बात कही लेकिन वास्तव में केवल आधा प्रतिशत ही खर्च किया जा रहा है। इस नीति से मुफ्त या फिर बहुत ही कम वेतन पर लोगों को पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा। जिन नौजवानों ने प्रोफेशनल डिग्री हासिल की है, वे बेरोजगार होकर रह जाऐंगे। इसलिए देश के नागरिकों को इस शिक्षा नीति का खुला विरोध करना चाहिए है।

साहित्यकार बुद्ध सिंह नीलों ने अध्यापकों को किसानी संघर्ष से एकता से प्रेरणा लेने के लिए कहा। सीनियर टीचर फोरम मास्टर जोगिंदर आजाद ने अध्यापकों को सरकार के शिक्षा विरोधी रवैये से जागरूक करवाया। कन्वेंशन दौरान बलदेव सिंह बिल्लू, शैली, अमृत कौर, मलकीत सिंह, अशोक भंडारी, गुरमीत सिंह झोरड़ा, रणजीत सिंह, हरभजन सिंह, तुलसी दास ने चर्चा में भाग लिया। रिटायर्ड डाइट लेक्चरर अवतार सिंह ने डा.कुलदीप सिंह व प्रो. बावा सिंह का धन्यवाद किया। सतपाल सिंह देहड़का ने ग्रीन मिशन पंजाब की ओर से मुख्य सदस्यों को पौधे देकर सम्मानित किया। स्टेज संचालन महासचिव दविंदर सिंह सिद्धू ने किया। कन्वेंशन में सतनाम सिंह ,चरणप्रीत सिंह, राणा आलमदीप ,सुनील कुमार, मनजिंदर सिंह, परमजीत दुग्गल, कमलजीत सिंह, संदीप सिंह, रमेश कुमार, डाइट लेक्चरार प्यारा सिंह, मैडम सोनिया, कर्मजीत कौर, अमरजीत कौर सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। 

chat bot
आपका साथी