लुधियाना में हिंदी शिक्षक संघ ने सीएम कैप्टन अमरिंदर से की मांग, सरकारी सेकेंडरी स्कूलों में हिंदी लेक्चरार के पद दिए जाए

लुधियाना में हिंदी शिक्षक संघ पंजाब ने सरकारी स्कूल में हिंदी लेक्चरार के पद दिए जाने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि भाषाएं चाहे जितनी भी पढ़ ली जाए कम है। मगर राजभाषा हिन्दी ऐच्छिक रूप से पंजाब के सारे सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लागू हो।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:39 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:39 AM (IST)
लुधियाना में हिंदी शिक्षक संघ ने सीएम कैप्टन अमरिंदर से की मांग, सरकारी सेकेंडरी स्कूलों में हिंदी लेक्चरार के पद दिए जाए
लुधियाना में हिंदी शिक्षक संघ पंजाब के प्रधान मुनीश कुमार जानकारी देते हुए।

लुधियाना, जेएनएन। लुधियाना में हिंदी शिक्षक संघ पंजाब के प्रधान मुनीश कुमार और महासचिव मनोज कुमार, सुधा जैन, प्रीतम चंद, रौजी दुग्गल, संध्या कुमारी, कुसुम, मंजीत कौर, रेखा भल्ला, कपिल कुमार, सुरेश कुमार व अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पंजाब से मांग की है कि पंजाब के सभी सरकारी स्कूल में हिंदी लेक्चरार के पद दिए जाएं ताकि विद्यार्थी ग्यारहवीं, बारहवीं में हिंदी विषय ले सकें। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने सभी अध्यापकों के साथ मीटिंग में पंजाब में विदेशी भाषाओं को पढ़ाने की बात कही थी। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि भाषाएं चाहे जितनी भी पढ़ ली जाए कम है। मगर राजभाषा हिन्दी ऐच्छिक रूप से पंजाब के सारे सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लागू की जाए।

उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य के सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में से केवल दस प्रतिशत स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं में हिंदी है। हिंदी अध्यापकों (मास्टर कैडर) से हिन्दी लैक्चरार में 23 वर्षों बाद भी पदोन्नति न होने के कारण वह मानसिक तनाव से गुजर हैं क्योंकि आर्थिक नुकसान के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी परेशान हो रहे हैं। संघ ने यह भी कहा कि हिंदी अध्यापक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत हो रहे हैं। हिंदी के पीरियड के मामले में भी हिंदी से सौतेला व्यवहार हो रहा है। आज कोरोना काल में पंजाब के हिंदी अध्यापक सभी विषयों के बराबर सोमवार से रविवार तक काम कर रहे हैं मगर जब स्कूल खुलेंगे तो फिर उन्हें कक्षा छठी से आठवीं तक सिर्फ चार पीरियड और कक्षा नौवीं-दसवीं में पांच पीरियड मिलेंगे जो हिंदी विषय व अध्यापकों से अन्याय है।

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