Lakhbir Murder: आठ माह से कुंडली बार्डर पर किसान आंदोलन में शामिल थे हत्यारोपित भगवंत व गोबिंदप्रीत
दिल्ली में लखबीर सिंह की गिरफ्तार 25 वर्षीय भगवंत सिंह और 21 वर्षीय गोबिंदप्रीत सिंह फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले बाबा बलविंदर सिंह के जत्थे मोइया दी मंडी से जुड़े हुए हैं। किसान आंदोलन में भगवंत वहां ग्रंथी की ड्यूटी निभा रहा था। गोबिंदप्रीत घोड़ों की संभाल करता था।
जागरण टीम, फतेहगढ़ साहिब। कुंडली बार्डर पर लखवीर सिंह की निर्मम हत्या के आरोप में गिरफ्तार 25 वर्षीय भगवंत सिंह और 21 वर्षीय गोबिंदप्रीत सिंह फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले बाबा बलविंदर सिंह के जत्थे 'मोइया दी मंडी' से जुड़े हुए हैं। इनका डेरा गांव हरलालपुर में है। बाबा बलविंदर सिंह के भाई तेजिंदर सिंह ने बताया कि भगवंत सिंह निवासी पूरनपुर, उत्तर प्रदेश लगभग 16 वर्ष और गोबिंदप्रीत सिंह निवासी अमृतसर लगभग छह वर्ष से जत्थे से जुड़े हुए हैं। दोनों अविवाहित हैं। वे कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए बाबा बलविंदर सिंह की अगुआइ में दो फरवरी को कुंडली बार्डर गए थे।
वहां पालकी साहिब भी सुशोभित की गई है। भगवंत वहां ग्रंथी की ड्यूटी निभा रहा था। गोबिंदप्रीत घोड़ों की संभाल करता था। बाबा बलविंदर सिंह के भाई तेजिंदर सिंह ने कहा कि चाहे जो हो जाए वे कृषि कानूनों के रद होने तक नहीं लौटेंगे। तेजिंदर सिंह ने कहा कि बेअदबी की घटना का आरोपित लखवीर सिंह था, लेकिन उसके परिवार तथा छोटी-छोटी बच्चियों के साथ जैसे व्यवहार किया जा रहा है, वह निंदनीय है। उसके परिवार की कोई गलती नहीं है। मामले को अनुसूचित जाति के साथ भी जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
बता दें कि दो दिन पहले दिल्ली के कुंडली बार्डर कुछ निहंग सिंहों ने तरनतारन के लखबीर सिंह उर्फ टीटू की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उन्होंने उस पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का आरोप लगाया था। आरोपितों लखबरी को बांधकर तलवार से उसके हाथ और पैर काट दिए थे। देर रात हुए इस घटना क्रम के बाद लखबीर ने तड़पकर दम तोड़ दिया था। आरोपितों ने घटना का वीडियो वायरल करते हुए इसकी जिम्मेदारी ली थी। लखबीर का तरनतारन के चीमा खुर्द के गांव में गत दिवस आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।