Punjab Assembly Election 2022: अरविंद केजरीवाल का ‘आटो प्रेम’ बना चर्चा, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें

Punjab Assembly Election 2022 दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय हो गए हैं। उनकी चुनावी रणनीतिकारों की टीम नए प्रयोगों से लोगों के बीच केजरीवाल की पैठ को मजबूत कर रहे हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 02:50 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 02:50 PM (IST)
Punjab Assembly Election 2022: अरविंद केजरीवाल का ‘आटो प्रेम’ बना चर्चा, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
सिविल सिटी हैबोवाल में आटो चालक के घर में खाना खाते अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान। फाइल फोटो

लुधियाना, [भूपिंदर सिंह भाटिया]। Punjab Assembly Election 2022: दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय हो गए हैं। उनकी चुनावी रणनीतिकारों की टीम नए प्रयोगों से लोगों के बीच केजरीवाल की पकड़ व पैठ को और मजबूत करने में जुटी है। कुछ दिन पहले लुधियाना में अपने कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल एक आटो चालक के साथ रात को उसके घर खाना खाने चले गए।

आटो चालक का आमंत्रित करना और केजरीवाल को उसे स्वीकार करना शहर में चर्चा का विषय बना रहा। बात निकली तो यह चर्चा भी शुरू हो गई कि आटो चालक के घर खाना खाने जाना पहले से नियोजित था। जिस आटो चालक के घर केजरी पहुंचे थे उसके कुछ करीबी पहले से आप में हैं। यहां तक की मोहल्ले के ही कुछ लोगों का दावा है कि आटो चालक दो दिन पहले से कह रहा था कि केजरीवाल उसके घर आएंगे।

उद्योगों की आई याद

विस चुनाव से पहले शहर के उद्योगपतियों की बल्ले-बल्ले है। आए दिन किसी न किसी पार्टी के प्रमुख नेता उनके साथ बैठक करने के लिए तैयार रहते हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का इस बार उद्योगों पर अधिक ध्यान है। वह जब भी लुधियाना आते हैं तो उद्योगपतियों से जरूर मुलाकात करते हैं। इसके अलावा भी आप के केजरीवाल, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, भाजपा के अश्वनी शर्मा भी उद्योगपतियों के साथ बैठकें कर चुके हैं। इन बैठकों में सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें सरकार बनते ही हर सुविधाएं देने का सपना दिखाया है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि उद्योगपतियों के पास अच्छा खासा वोट बैंक है जो उनकी जीत में अहम भूमिका अदा कर सकता है, लेकिन फिर भी उद्योगों पर ध्यान सभी का ज्यादा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इसका एजेंडा कुछ और ही रहता है। इसी बीच मंगलवार को नवजोत सिद्धू भी उद्यमियों से मिलने पहुंचेंगे।

...और बत्ती गुल हाे गई

सरकार लोगों को मुफ्त और रियायती दरों पर बिजली देने की लगातार घोषणाएं कर रही है, लेकिन 24 घंटे बिजली देने का दावा पूरा नहीं हो रहा है। कुछ दिन पहले शिअद प्रमुख सुखबीर बादल लुधियाना एक कार्यक्रम में पहुंचे। जैसे ही वह उद्योगपतियों को संबोधित करने लगे तो बिजली गुल हो गई। मौका देख एक उद्योगपति ने चौका भी जड़ दिया। उसने खड़े होकर कहा ‘सुखबीर साब, ऐत्थे ऐदा ही हुंदा है। बिजली दे ते सिर्फ दावे कीते जांदे।’ इसके बाद अन्य अकाली नेता अपनी उपलब्धियां गिनाने लगे। एक ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो सरप्लस बिजली थी। तब आपको ऐसे कट खोजने पर नहीं मिलते थे, लेकिन वर्तमान सरकार के पास बिजली के लिए कोई नीति ही नहीं तो वह क्या करे। कुछ दिन चलाएं फिर शिअद सरकार आपको सरप्लस बिजली में ले देगी।

दाे-दाे कर 12 तक

विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। हालांकि अब भी ज्यादातर दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। उम्मीदवार घोषित करने में शिरोमणि अकाली दल सबसे आगे है। किसान आंदोलन के बीच जब सभी दल शांत बैठे थे तो शिअद अपने दो-दो उम्मीदवार घोषित करता रहा। इन घोषणाओं के साथ ही उनके प्रत्याशी भी सक्रिय हो गए हैं। दो-दो कर शिअद ने लुधियाना जिले में अपने 12 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा अब तक अपना खाता भी नहीं खोल पाई हैं। यही हाल आम आदमी पार्टी का है। हालांकि कुछ सीटों पर आप ने आफ द रिकार्ड हरी झंडी दी है। टिकट के प्रबल दावेदार चुनाव प्रचार में भी जुट गए हैं। खैर, यह तो चुनाव का परिणाम ही बताएगा कि सबसे पहले उम्मीदवार घोषित करने की रणनीति का शिअद को फायदा हुआ या इसका नुकसान उठाना पड़ा।

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