Cyber Crime In Ludhiana: साइबर ठगों ने अकाउंट से उड़ाए एक लाख, सात महीने बाद चार लोगों के खिलाफ केस
Cyber Crime In Ludhiana शहर में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ने से पुलिस भी परेशान है। इंटरनेट मीडिया पर घात लगा कर बैठे साइबर ठगों ने लुधियाना निवासी व्यक्ति के अकाउंट में से 1 लाख रुपये उड़ा लिए।
लुधियाना, जेएनएन। Cyber Crime In Ludhiana : इंटरनेट मीडिया पर घात लगा कर बैठे साइबर ठगों ने लुधियाना निवासी व्यक्ति के अकाउंट में से एक लाख रुपये उड़ा लिए। घटना के 7 महीने बाद थाना दुगरी पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ साजिश के तहत धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की है। एसआइ परमदीन खान ने बताया कि उनकी पहचान बिहार के कठिहार निवासी रोशन सिंह, गुजरात के कौसम निवासी राेहित कुमार, झारखंड के अमकूना मंगियां बंध निवासी राजू अंसारी तथा वेस्ट बंगाल के मुर्शिदाबाद के सलर निवासी उजमीर शेख के रूप में हुई।
पुलिस ने दुगरी फेस-2 निवासी जगजीवन सिंह की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। फरवरी 2020 में पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में उसने बताया कि वो प्राइवेट नौकरी करते हैं। 25 नवंबर 2020 को उन्होंने गुगल-पे के माध्यम से गिल रोड स्थित पंजाब हैंडलूम इंपोरियम को 2581 रुपये भेजे थे। मगर वो पेमेंट वहां पहुंची नहीं। जिसके चलते उसे गूगल सर्च पर गूगल-पे एप का मोबाइल नंबर 90916-88308 मिला। जो किसी फ्राड व्यक्ति का नंबर था। उनकी बातों में आकर उसने उनके द्वारा भेजे गए लिंक पर अपनी सारी जानकारी भर कर दे दी। जिसके कुछ ही देर बाद उसके अकाउंट में से तीन ट्रांजेक्शन के माध्यम से 99,998 रुपये निकल गए।
मामले की जांच कर रही पुलिस की साइबर सेल टीम को पता चला कि उक्त मोबाइल व अकाउंट नंबर उन सभी आरोपितों के थे। परमदीन खान ने बताया कि केस दर्ज करके आरोपितों को गिरफ्तार करने संबंधी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि आराेपिताें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक माह में ऐसी औसतन 20 से 30 शिकायतें आती हैंः एसीपी
एक माह में ऐसी औसतन 20 से 30 शिकायतें आती हैं। इनमें हम संबंधित साइट्स को पेज बंद करने के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं। साथ ही उस पेज को बनाने वाले की डिटेल भी मांगी जाती है। इस प्रोसेस को 10 से 15 दिन का समय लग जाता है। मगर जब किसी माइनर लड़की या बच्चों के साथ ऐसा मामला सामने आता है तो ऐसे सीरियस केस में 24 घंटे के अंदर उसे बंद करके डिटेल मंगाई जाती है। - वैभव सहगल, एसीपी, साइबर सेल