व्हीकल में किया इमरजेंसी बलोइंग सिस्टम का विकास
सीटी यूनिवर्सिटी के रोबोटिक व आटोमेशन विभाग ने व्हीकल एमरजेंसी बलोअरिग सिस्टम का विकास किया है। यह किसी भी वाहन के लिए एक स्मार्ट होर्न है जोकि केवल डाक्टर या पुलिस अधिकारियों की आज्ञा से ही चलेगा। यह प्रोटोटाइप लैब टेक्नीशियन गुरकिरत सिंह की सहायता से रोबोटिक्स लैब से बनाया गया है। यह आविष्कार मौजूदा कोविड-19 की स्थिति के दौरान बहुत लाभदायक है।
जागरण संवाददाता, जगराओं : सीटी यूनिवर्सिटी के रोबोटिक व आटोमेशन विभाग ने व्हीकल एमरजेंसी बलोअरिग सिस्टम का विकास किया है। यह किसी भी वाहन के लिए एक स्मार्ट होर्न है, जोकि केवल डाक्टर या पुलिस अधिकारियों की आज्ञा से ही चलेगा। यह प्रोटोटाइप लैब टेक्नीशियन गुरकिरत सिंह की सहायता से रोबोटिक्स लैब से बनाया गया है। यह आविष्कार मौजूदा कोविड-19 की स्थिति के दौरान बहुत लाभदायक है। जहां कोई भी व्यक्ति इमरजेंसी स्थिति में अस्पताल जाना चाहता है तो उसको सबसे से पहले इस एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना पड़ेगा और डाक्टर या फिर पुलिस अधिकारियों के फोन में भी यह एप होनी चाहिए। इस्तेमाल कर्ता फिर डाक्टर या पुलिस अधिकारियों से अनुरोध करेगा। जब अधिकारी उसको स्वीकार करेंगे तो हार्न इमरजेंसी बलोइंग सिस्टम में बदल जाएगा।
आईपीआर सैल के डिप्टी डायरेक्टर व पैटेंट के खोजी डा.हरमीत सिंह ने कहा कि हमने एक कंट्रोलर का प्रयोग किया है, जोकि हमेशा इंटरनेट से जुड़ा रहता है। यह कंट्रोलर प्राप्त हुई आज्ञा के आधार पर सायरन को चलाएगा।
पलोनिग एंड डेवलपमेंट के डायरेक्टर व पैटेंट के दूसरे खोजी अत्य प्रिया ने कहा कि यह रिसर्च वाहन को किसी एमरजेंसी स्थिति दौरान तेजी से सुरक्षित ढंग से आगे बढ़ने में सहायता करेगा। इसके साथ ही डाक्टर भी वाहन को ट्रेक करके उसको मदद कर सकेगा।
एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल ने टीम को उत्साहित करते हुए कहा यह प्रोजेक्ट से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। हम ट्रैफिक पुलिस से जुड़ सकते है और अचंभे कर सकते है। सीटी यूनिवर्सिटी के मैनेंजिक डायरेक्टर मनबीर सिंह ने कहा कि ऐसे आविष्कार दुनिया के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही उन्होंने सीटी यूनिवर्सिटी को ऐसे अन्य आविष्कार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।