लुधियाना में हड़ताल के 14 दिन बाद खुले सरकारी दफ्तरों में उमड़ी भीड़, विंडो टाइम कम; दलालों की माैज

पंजाब स्टेट मिनिस्टीरियल स्टाफ की हड़ताल के साथ ही रिजनल ट्रांसपोर्ट दफ्तर में कामकाज ठप हो हुआ। 14 दिन की हड़ताल के बाद सोमवार को दफ्तर खुले तो ड्राइविंग ट्रैकों व चालान काउंटर पर लंबी लाइनें लग गई।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 02:04 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 02:04 PM (IST)
लुधियाना में हड़ताल के 14 दिन बाद खुले सरकारी दफ्तरों में उमड़ी भीड़, विंडो टाइम कम; दलालों की माैज
आरटीए दफ्तर के चालान काउंटर पर आठ से 12 बजे तक हुआ काम। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब स्टेट मिनिस्टीरियल स्टाफ की हड़ताल के साथ ही रिजनल ट्रांसपोर्ट दफ्तर में कामकाज ठप हो हुआ। 14 दिन की हड़ताल के बाद सोमवार को दफ्तर खुले तो ड्राइविंग ट्रैकों व चालान काउंटर पर लंबी लाइनें लग गई। लोगों को काम करवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। लाइनें इतनी लंबी थी कि काउंटर का टाइम पूरा होने के कारण उन्हें बिना काम करवाए ही वापस लौटना पड़ा।

वहीं दूसरी तरफ आरटीए दफ्तर के चालान काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने अपने हिसाब से काउंटर विंडो का टाइम सुबह आठ बजे से 12 बजे तक कर दिया। यहां भी लंबी लाइनें थी और ज्यादातर लोगों को बिना काम करवाए ही वापस लौटना पड़ा। विंडो टाइम कम होने से दफ्तर के बाहर घूमने वाले दलालों की पौ बारह हो गई। बिना काम करवाए बाहर आने वाले लोगों को दलालों ने घेरना शुरू कर दिया। काम जल्दी करवाने की चाहत में लोग दलालों के झांसे में आते भी दिखे।

पंजाब सरकार ने सरकारी दफ्तरों का समय सुबह आठ बजे से दो बजे तक किया है। लेकिन आरटीए दफ्तर में चालान काउंटर की विंडो का समय कर्मचारियों ने आठ बजे से 12 बजे कर दिया। दो सप्ताह बाद काउंटर खुलने के कारण चालान भुगतने वालों की लंबी लाइन लगी थी। चार घंटे में कुछ लोगों के चालान ही भुगते गए जबकि बाकी लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। विंडो का समय कम होने पूरा फायदा आरटीए दफ्तर के बाहर घूमने वाले दलालों ने उठाया।

दलाल बाहर आने वाले लोगों को घेरने लगे और उनसे चालान भुगतने के लिए मोलभाव करते रहे। आरटीए दफ्तर में इसके अलावा अन्य काउंटरों व कर्मचारियों के कमरों के बाहर भी लोगों की भीड़ जुटी रही। चंडीगढ़ रोड स्थित ड्राइविंग ट्रैक व गवर्नमेंट कालेज स्थित ड्राइविंग ट्रैक पर लोगों की खूब भीड़ जमा हुई। दरअसल बिजली संकट के कारण दफ्तरों में दो बजे तक ही काम होना है इसलिए लोग सुबह ही ट्रैकों पर पहुंच गए।

chat bot
आपका साथी