Corona effect : लुधियाना की होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर काेराेना की मार, लाइसेंस फीस चुकाने में अा रही परेशानी

Corona effect होटल एंड रेस्टारेंट इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि जब तक काम पटरी पर नही लौटता तब तक लाइसेंस फीस माफ होनी चाहिए ताकि काराेबारियाें काे राहत मिल सके।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 11:18 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 11:18 AM (IST)
Corona effect : लुधियाना की होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर काेराेना की मार, लाइसेंस फीस चुकाने में अा रही परेशानी
Corona effect : लुधियाना की होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर काेराेना की मार, लाइसेंस फीस चुकाने में अा रही परेशानी

लुधियाना, [मुनीश शर्मा] Corona effect : कोविड संकट के चलते दी गई गाइडलाइन से भले ही सरकार ने होटल एवं रेस्टोरेंट के लिए कड़ाई नियमों से व्यापार पर ब्रेक लगाई है। लेकिन सरकार ने काम बंद होने के बावजूद अपने टैक्स पर किसी तरह की छूट नही दी है। काम बंद होने के बावजूद सरकार इंडस्ट्री से पूरी बार लाइसेंस फीस की मांग कर रही है।

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से भी मिल चुके हैं काराेबारी

होटल एंड रेस्टारेंट इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि जब तक काम पटरी पर नही लौटता तब तक लाइसेंस फीस माफ होनी चाहिए।  होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन पंजाब के प्रधान अमरवीर सिंह ने बताया कि वह इस मामले में सूबे के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से भी मिल चुके है। लॉकडाउन से लेकर अब तक बार बंद की तरह है। उद्यमियों को हर साल लाखों रुपए बार लाइसेंस फीस भरनी पड़ती है। सरकार से अनुरोध है कि इस बार कम से कम 6 माह की बार लाइसेंस माफ की जाए।

हाेटल सेक्टर को राहत देने को सरकार कदम उठाए

होटल ग्रीन के प्रबंध निदेशक अमरजीत सिंह का कहना है कि अधिकतर रेस्टोरेंटस व होटल बार की वजह से ही चल रहे है। बार का काम ठप होने के चलते ग्राहक अभी भी होटल व रेस्टोरेंट में नही आ रहे। बार लाइसेंस फीस के साथ साथ प्रापर्टी टेक्स, बिजली के फिक्स चार्जेज भी दे पाना इंडस्ट्री के लिए मुमकिन नही। बंद पड़े इस सेक्टर को राहत देने को सरकार कदम उठाए।

  पंद्रह से बीस फीसद रेस्टोरेंट हो गए हैं बंद

पंजाब होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान अमरवीर सिंह ने कहा कि कोविड के कारण सबसे अधिक होटल इंडस्ट्री प्रभावित है। हालत यह है कि साठ से सत्तर फीसद तक रेस्टोरेंट एवं बार किराए पर चल रहे हैं। छह माह की बंदी के कारण अब किराए तक का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में पंद्रह से बीस फीसद रेस्टोरेंट तो बंद हो गए हैं। बाकी भी आर्थिक बदहाली का शिकार हैं।

उन्होंने कहा कि यदि एमएचए की गाइडलाइन्स के अनुसार सूबा सरकार द्वारा सौ लोगों के साथ समारोह करने की इजाजत न दी तो आने वाले वक्त में होटल तेजी से बंद हो सकते हैं। फिलहाल यह इंडस्ट्री बड़े आर्थिक संकट से गुजर रही है।

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