Ludhiana Garments Industry: लुधियाना में कोरोना संक्रमण बढ़ने से गारमेंट्स एक्सपोर्ट में आई कमी
Ludhiana Garments Industry यूरोप में इंग्लैंड स्पेन जर्मनी फ्रांस और हालैंड आदि देशों में कोरोना के केस बढ़ने से खरीदारों ने आर्डर कम कर दिए हैं। यही नहीं खरीदार पहले से दिए आर्डरों की डिलीवरी भी लंबित करने की बात कर रहे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। देश-विदेश में एक बार फिर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने गारमेंट्स एक्सपोर्ट करने वाले उद्यमियों का समीकरण बिगाड़ दिया है। विदेश से मिलने वाले आर्डर कम होने लगे हैं। यूरोप में इंग्लैंड, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस और हालैंड आदि देशों में कोरोना के केस बढ़ने से खरीदारों ने आर्डर कम कर दिए हैं। यही नहीं खरीदार पहले से दिए आर्डरों की डिलीवरी भी लंबित करने की बात कर रहे हैं।
गारमेंट्स का एक्सपोर्ट करने वाले उद्यमियों का कहना है कि कुल एक्सपोर्ट का करीब 25 फीसद यूरोप के देशों में जाता है। अब फिर से हालात सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है। यूरोप से डिमांड आने पर एक्सपोर्ट रफ्तार पकड़ पाएगा। कोरोना के कारण जर्मनी, स्पेन और इंग्लैंड में व्यापारिक गतिविधियां बंद हैं। इसका असर ओवरसीज कारोबार पर हो रहा है। एक्सपोर्ट करने वालों का कहना है कि ओवरसीज मार्केट में सुस्ती के अलावा देश में भी उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है।
यार्न, डाइंग समेत हर तरह के कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। उत्पादन लागत में भी करीब दस फीसद का इजाफा हो गया है। दूसरी ओर सरकार इंसेंटिव खत्म कर रही है। असमंजस की स्थिति में सही तरीके से कारोबार नहीं हो रहा है। निर्यात को प्रोत्साहित नहीं कर रही सरकार निटवियर अपैरल गारमेंट एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के प्रधान हरीश दुआ का कहना है कि कोविड के कारण यूरोप के कई देशों में कारोबार सुस्त है। इसके अलावा सरकार भी निर्यात को प्रोत्साहित नहीं कर रही है। करोड़ों रुपये का रिफंड अटका पड़ा है।
एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं को इंडस्ट्री फ्रेंडली बनाने की जरूरत है। इसमें पारदर्शिता लाना भी जरूरी है । दुबई से आ रहे आर्डर, यूरोप में सुस्ती डिफ्रेंट गारमेंट्स के एमडी नीरज आर्य का कहना है कि अमेरिका, यूरोप, कनाडा और मिडल ईस्ट में भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। अभी अमेरिका का मार्केट सही है। दुबई से भी आर्डर आ रहे हैं, लेकिन यूरोप में सुस्ती का आलम है। वहां के खरीदार आर्डर देने से बच रहे हैं और पुराने आर्डर की डिलीवरी में भी देरी कर रहे हैं। इस बार हालात पिछले साल जैसे नहीं हैं, लेकिन कारोबार को पटरी पर आने में वक्त लगेगा।