कोरोना व सरकार की नीतियों ने तोड़ी दी व्यापार की कमर, अब क्या होगा नहीं पता
कोरोना के समय जिन दुकानदारों ने दो-ढाई महीने लगातार लंगर चलाकर लोगों को खाना खिलाया वही दुकानदार इस समय आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।
राजेश भट्ट/कुलदीप काला, लुधियाना
कोरोना के समय जिन दुकानदारों ने दो-ढाई महीने लगातार लंगर चलाकर लोगों को खाना खिलाया, वही दुकानदार इस समय आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो मंदी के कारण हालात ऐसे हो चुके हैं कि वे अपने कर्मचारियों को वेतन तक समय पर नहीं दे पा रहे। ऐसे में दुकानों पर काम करने वाले लड़के नौकरी छोड़ कर चले गए। मंदी से दुकानदार कब उभरेंगे इसके बारे में उन्हें भी खुद पता नहीं है। दरअसल कोरोना की पहली और दूसरी लहर व्यापार की कमर तोड़ चुकी है और तीसरी लहर की संभावना ने दुकानदारों को डराकर रख दिया। कोरोना के साथ साथ सरकारी नीतियों के कारण भी व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है।
फील्डगंज मार्केट के दुकानदार भी कोरोना और सरकारी नीतियों को मंदी के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि पहले कोरोना की वजह से बाजार बंद रहे तो उस समय उनकी एसोसिएशन ने लोगों की मदद के लिए लगातार 73 दिन तक लंगर चलाया। उसके बाद आंशिक तौर पर बाजार खोलने की अनुमति मिली तो ग्राहक नहीं आए। अब बाजार पूरे खुल गए हैं लेकिन ग्राहक अब भी खरीददारी नहीं कर रहे हैं। छोटे व्यापारी कोरोना की तीसरी लहर से डर रहे हैं इसलिए वह स्टाक नहीं रख रहे। जिसका असर इस बाजार के दुकानदारों को झेलना पड़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार अब जो टैक्स बढ़ा रही है उससे तो कई दुकानदार अपना कारोबार बंद करने की कगार पर आ जाएंगे।
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कोरोना ने कारोबार की कमर तोड़ दी। सुबह दुकान खोलते हैं और दिन में दुकानदार आपस में बातें करके शाम को घर चले जाते हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आगे कारोबार का होगा क्या।
अमनदीप सिंह, दुकानदार
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कोरोनों के अलावा सरकार की नीतियां ही ऐसी हैं कि कारोबार रोजाना गिर रहा है। राज्य हो या केंद्र सरकार कोई भी व्यापारियों के हित में काम नहीं कर रही हैं। व्यापारी सबसे बुरे हालातों से जूझ रहे हैं।
जतिन मिड्डा, दुकानदार
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अब नवरात्र शुरू होने पर कुछ हालात सुधरने की आस है। नवरात्रों से लोग नई खरीददारी करते हैं इससे हम भी उम्मीद लगा रहे हैं कि कारोबार कुछ चलेगा और दुकानदारों के हालात में भी सुधार हो जाएगा।
दविदर सिंह, दुकानदार
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हमारी मार्केट ने कोरोना काल में लगातार 73 दिन तक लंगर सेवा की। सेवा करने का मतलब है कि इस बाजार में अच्छी कमाई थी। लेकिन कोरोना के बाद हालात बदल गए और आज हमारे पास अपने वर्करों को पैसे देने के लिए नहीं हैं।
राजेश कुमार, दुकानदार
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हमारे पास गांवों से बड़ी गिनती में ग्राहक आते थे। कोरोना के बाद से गांवों से आने वाले ग्राहकों की गिनती न के बराबर रह गई। इसकी वजह से मंदी झेल रहे हैं। सरकार कारोबारियों को कुछ राहत दे।
आकाश कुमार, दुकानदार
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बाजार खुल गए हैं लेकिन ग्राहक की आमद अभी नहीं है। लोगों को कोरोना की तीसरी लहर का डर सता रहा है। इसलिए लोग अपनी पूंजी खर्च नहीं करना चाह रहे। जिससे लोग अब बाजार कम जा रहे हैं।
मिश्री लाल, दुकानदार
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बाजार में बाहर से आने वाले ग्राहकों की पहले भीड़ लगी होती थी। ऐसे में उनकी कांफेक्शनरी में भी खूब बिक्री होती थी। जब से बाजार में बाहर से आने वाले व्यापारियों की गिनती कम हुई है मेरा भी काम ठंडा हो गया।
अमरीक सिंह, दुकानदार
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बाजार के हालात कब संभलेंगे दुकानदार समझ ही नहीं पा रहे। बैग के कारोबार को कोरोना की वजह से सबसे बड़ी मार पड़ी है। एक तो स्कूल बंद रहे और दूसरा लोगों ने सफर नहीं किया।
विजय कुमार, दुकानदार
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कपड़े पर सरकार ने एक जनवरी 2022 से टैक्स 5 फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद करने का फैसला किया है। इससे तो छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे। सभी दुकानदार इस फैसले परेशान हैं।
परमिदर सिंह, दुकानदार