CM ने लुधियाना के आटाे चालकाें काे दी जुर्माना माफी, आरटीए दफ्तर चालान कोर्ट भेजने की तैयारी में जुटा; जानें मामला

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आटो वालों को पुराने चालानों का जुर्माना माफ करने का एलान किया। सीएम ने आटो वालों को यह राहत लुधियाना दौरे के दौरान दी। मुख्यमंत्री के एलान के बाद उन आटो चालकों ने आरटीए दफ्तर के चक्कर लगाने शुरू कर दिए।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 03:50 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 03:50 PM (IST)
CM ने लुधियाना के आटाे चालकाें काे दी जुर्माना माफी, आरटीए दफ्तर चालान कोर्ट भेजने की तैयारी में जुटा; जानें मामला
लुधियाना में आटाे चालकाें से जुर्माना वसूलने की तैयारी। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आटो वालों को पुराने चालानों का जुर्माना माफ करने का एलान किया। सीएम ने आटो वालों को यह राहत लुधियाना दौरे के दौरान दी। मुख्यमंत्री के एलान के बाद उन आटो चालकों ने आरटीए दफ्तर के चक्कर लगाने शुरू कर दिए जिनका चालान पेंडिंग है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ जिसकी वजह से अभी आटो चालकों के पुराने जुर्माने माफ नहीं किए जा रहे।

वहीं आरटीए दफ्तर ने आटो समेत तमाम वाहनों के पेंडिंग चालानों को कोर्ट में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। आरटीए दफ्तर में सितंबर 2021 तक के 50 हजार से ज्यादा चालान पेंडिंग हैं जिसमें से ज्यादातर चालान आटो वालों के ही हैं। आरटीए दफ्तर ने अगर चालान कोर्ट में भेज दिए तो आटो वालों को भी अपने पुराने चालान अदालत में जाकर भुगतने होंगे और फिर उन्हें वही जुर्माना अदा करना होगा जो अदालत तय करेगी।

अदालत चालान में दर्ज गलती के हिसाब से ही वाहन चालक को जुर्माना करेंगी। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की घोषणा के बाद पुलिस ने आटो चालकों के चालान काटने बंद कर दिए। लेकिन पुराने चालानों को माफ करने की प्रक्रिया राज्य सरकार की तरफ से शुरू नहीं की गई। वहीं आटो चालक राेज आरटीए दफ्तर में पहुंच रहे हैं और आरटीए से अपने चालान रद करने की मांग कर रहे हैं। कई आटो चालकों की तो आरटीए दफ्तर में कर्मचारियों के साथ बहस भी हो गई। आरटीए सेक्रेटी ने 30 सितंबर 2021 से पहले के सभी चालानों को अब कोर्ट में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

बुधवार को आरटीए दफ्तर के कर्मचारी सुबह छह बजे से महीनावार पेडिंग चालानों की सूची तैयार करके चालान के बंडल तैयार करने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि सूचियां पूरी होने के बाद आरटीए सेक्रेटरी इन चालानों को कोर्ट में भेज देंगे। उसके बाद सभी को अपने चालान भुगतने के लिए कोर्ट में जाना होगा। हालांकि आरटीए दफ्तर के कर्मचारी और अफसर अभी इस बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। खास बात यह है कि आरटीए सेक्रेटरी नरिंदरपाल सिंह भी न तो आटो वालों को मिल रहे हैं और न ही इस बारे में कुछ बता रहे हैं।

-कोर्ट में चालान भुगतने के बाद रसीद आरटीए दफ्तर को दिखानी होगी

आरटीए दफ्तर से चालान जब कोर्ट में जाएंगे तो वाहन मालिकों को चालान कोर्ट में ही भुगतने होंगे। इतनी बड़ी गिनती में चालान पहुंचने से कोर्ट पर भी काम का अतिरिक्त दबाव बढ़ जाएगा और लोगों को चालान भुगतने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यही नहीं कोर्ट से चालान भुगतने के बाद रसीद उन्हें आरटीए दफ्तर में दिखानी होगी। कोर्ट की रसीद के बाद ही आरटीए दफ्तर अपने रिकार्ड में से चालान का जुर्माना डिलीट करेगा। अगर वाहन मालिक ने आरटीए दफ्तर में आकर चालान डिलीट नहीं करवाया तो उसके खाते में जुर्माना पेंडिंग रहेगा और वह उस वाहन को कोई भी काम आरटीए दफ्तर से नहीं करवा सकेगा।

chat bot
आपका साथी