सिविल में व्यवस्था बदहाल : स्ट्रेचर पर सिस्टम, जमीन पर मरीज
बेहतर सेहत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सरकार के दावे अस्पताल पहुंचते ही हवा हो जाते हैं। मरीजों का दर्द कम होने के बजाय बढ़ जाता है। सिविल अस्पताल लुधियाना में बदहाल व्यवस्था का खामियाजा मरीज और उनके स्वजन भुगत रहे हैं।
आशा मेहता, लुधियाना : बेहतर सेहत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सरकार के दावे अस्पताल पहुंचते ही हवा हो जाते हैं। मरीजों का दर्द कम होने के बजाय बढ़ जाता है। सिविल अस्पताल लुधियाना में बदहाल व्यवस्था का खामियाजा मरीज और उनके स्वजन भुगत रहे हैं। मंगलवार को सिविल अस्पताल में बदइंतजामी पर दैनिक जागरण की लाइव रिपोर्ट :
स्ट्रेचर न मिलने पर घंटों पर जमीन पर पड़ा रहा
गगनदीप कालोनी की लक्ष्मी सुबह 10:10 बजे घायल पति राम सुबक को लेकर सिविल अस्पताल के एक्सरे विभाग में पहुंची थी। स्ट्रेचर नहीं होने के कारण वह देवर के साथ मिलकर पति को कंधे के सहारे एक्सरे विभाग तक पहुंचे। डाक्टर ने कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा। स्ट्रेचर नहीं होने के कारण वह जमीन पर लेट गया। करीब आधे घंटे बाद एक्सरे हुआ और उसके आधे घंटे बाद रिपोर्ट मिली। इसके बाद फिर लक्ष्मी पति को कंधे का सहारा देकर इमरजेंसी में लेकर गई। उन्होंने बताया कि जब वह इमरजेंसी में थी तो वहां एक ही स्ट्रेचर था। उस पर भी मरीज था। एक स्ट्रेचर सीढि़यों के पास था लेकिन वह टूटा हुआ था। एक्सरे विभाग में भी बताया गया कि उनके यहां स्ट्रेचर नहीं है।
मरीज भटकता रहा, स्टाफ ने नहीं दिखाई राह
हादसे में घायल हुए साहनेवाल के आफताव को मंगलवार सुबह 11 बजे डाक्टरों ने एक्स-रे करवाने के लिए कहा। उसकी मां खुशबू ने स्टाफ से पूछा कि एक्सरे कहां होगा। हमारे साथ किसी मुलाजिम को भेज दें। इस पर स्टाफ ने जवाब दिया कि आपके मरीज का एक्सरे होना है, तो आप खुद जाओ। इसके बाद वह छोटे बेटे और उसके दोस्तों की मदद से आफताव को स्ट्रेचर पर लेटाकर ओपीडी ब्लाक में ले आई। करीब पंद्रह मिनट तक भटकते रहे लेकिन किसी ने नहीं बताया कि एक्सरे कहां होगा। एकजोत सेवा सोसायटी के वालंटियर ने बताया कि एक्सरे दूसरी इमारत में होगा। बारिश लगी थी तो उन्होंने किसी से छाता मांगा और स्ट्रेचर पर पड़े बेटे को चादर से ढका फिर उसके बाद एक्सरे करवाने के लिए लेकर गई।
धर्मपुरा बाबा थान सिंह चौक से राजिदर कौर सुबह 11:30 बजे अपनी सास सुरजीत कौर को लेकर सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। वहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड व स्टाफ को बताया कि दो दिन से सास की तबीयत खराब है। सुबह दवा लेने के बाद अचानक बेहोश हो गई हैं। आटो से उतारकर उन्हें इमरजेंसी तक पहुंचाने में उसकी मदद करें। मौके पर दो चतुर्थश्रेणी मुलाजिम, पांच से अधिक नर्सिग की छात्राएं, वार्ड अटेंडेंट और सिक्योरिटी गार्ड मौजूद थे लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। इसके बाद राजिदर कौर इमरजेंसी में पड़े स्ट्रेचर को लेकर बाहर आई और लोगों की मदद से सास को आटो से निकालकर स्ट्रेचर पर लेटाकर इमरजेंसी में लेकर गई।