मरीजों की देखरेख के लिए स्टाफ रखा, दो लाख रुपये जुटाए

जिले में कोरोना के मामलों ने काफी रफ्तार पकड़ ली है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 04:00 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 04:00 AM (IST)
मरीजों की देखरेख के लिए स्टाफ रखा, दो लाख रुपये जुटाए
मरीजों की देखरेख के लिए स्टाफ रखा, दो लाख रुपये जुटाए

दिलबाग दानिश, लुधियाना

जिले में कोरोना के मामलों ने काफी रफ्तार पकड़ ली है। अब तो तीन सौ के करीब मामले आने लगे हैं। इस वजह से सरकारी अस्पतालों में वर्क लोड काफी बढ़ रहा है। टेस्टिंग से लेकर मरीजों के केयर के लिए नर्सिंग स्टाफ तक की कमी आन खड़ी हुई है। यही कारण है कि सरकार ने डोर टू डोर टेस्टिंग भी बंद कर दी है।

इस मुश्किल घड़ी में सरकार ने कोविड सेंटर चलाने के लिए शहर के उद्यमियों से सहयोग मांगा है। कुछ दिन पहले ही डिप्टी कमिश्नर वरिदर शर्मा ने उद्यमियों के साथ बैठक की। उनकी इस अपील के बाद कई उद्यमी और संस्थाएं आगे आई हैं। शहर के उद्यमियों के सहयोग से सिटी नीड नाम का वेब पोर्टल बनाया गया है। उद्यमियों ने करीब सवा दो लाख रुपये एकत्र करके दिए हैं। अस्पताल में पहले से सेवा कर रही संस्था ने मरीजों की देखरेख के लिए मेडिकल स्टाफ भी मुहैया करवाया है। प्राइवेट तौर पर 24 के करीब लोगों की भर्ती भी हो गई है। इसमें नर्सिंग स्टाफ, वार्ड अटेंडेंट, लैब टेक्नीशियन से लेकर ड्राइवर तक रखे जा रहे हैं। इन्हें वेतन संस्थाओं की ओर से दिया जाएगा। वहीं उद्यमी की जाने वाली मदद के लिए कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत लाभ ले सकते हैं। 'सिटी नीड' पोर्टल पर करें रजिस्टर्ड

उद्यमियों द्वारा बनाए गए सिटी नीड वेब पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति या संस्था खुद को रजिस्टर्ड कर सकती है। वॉलंटियर के तौर पर काम करने वाले भी यहां रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। इस पोर्टल पर सिविल अस्पताल में सामान की जरूरत की लिस्ट भी डाली गई है, जिसके लिए पैसे इक्ट्ठा किए जाने हैं। इस पैसे को एकत्र करने की जिम्मेदारी भले ही उद्यमियों की है, मगर इसे कहां और कैसे खर्च किया जाना है उसके लिए एडीसी की ड्यूटी लगाई गई है। मास्क समेत शू कवर तक की डिमांड

सिविल अस्पताल की सीनियर मेडिकल अफसर की ओर से जारी किए गए डिमांड लेटर के अनुसार सिविल अस्पताल में एन 95 मास्क, ग्लब्स, डेड बॉडी कवर, निबूलाइजर मशीन, डॉक्टर्स कुर्ता-पायजामा, फेटल डॉपलर तक की मांग संस्थाओं से की गई है। मुझे इस संबंधी नहीं पता, एसएमओ से बात करो: सिविल सर्जन

मुझे नहीं पता कि ऐसा कुछ हो रहा है। आप इस संबंध में एसएमओ से बात करें। सरकार की तरफ से मुलाजिमों की भर्ती भी की जा रही है और जरूरत का सामान भी मुहैया करवाया जा रहा है। अगर कोई संस्था सहयोग करना चाहती है तो मना क्यों किया जाए, इससे प्रबंध और दुरुस्त होंगे।

-डॉ. राजेश बग्गा, सिविल सर्जन

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