इंडो-जापान बिजनेस काउंसिल संग सीआइसीयू का एमओयू, मेक इन इंडिया चुनौतियों व संभावनाओं पर हुआ मंथन
CICU MOU with Indo Japan Business Council लुधियाना में सीआइसीयू की ओर से इंडो-जापान बिजनेस काउंसिल संग एमओयू किया गया है। सीआइसीयू प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि जापान की टैक्नालाजी का इस्तेमाल कर भारत की उत्पादन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। CICU MOU with Indo Japan Business Council भारतीय उत्पादों को एक्सपोर्ट में तेजी से ग्रोथ करने और जापान से टैक्नालजी लाने के लिए चेंबर आफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) की ओर से इंडो-जापान बिजनेस काउंसिल संग एमओयू किया गया है। इसके साथ ही मेक इन इंडिया चुनौतियों और संभावनाओं पर एक झूम बैठक के माध्यम से उद्यमियों द्वारा मंथन भी किया गया। सीआइसीयू प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि जापान की टैक्नालजी का इस्तेमाल कर भारत की उत्पादन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। इसमें बेहतर प्रोडक्शन के साथ साथ क्वालिटी, सेफटी, टाइम मैनेजमेंट, काइजन, 5एस, प्रोडक्टीविटी, हेल्पर फ्री यूनिट्स, मेक प्रोडक्ट फास्टर सहित कई अहम बदलाव किए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इसको लेकर सीआइसीयू एवं इंडो जापान बिजनेस काउंसिल के बीच एक एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत एक ज्वाइंट डेस्क तैयार किया जाएगा। इससे लुधियाना इंडस्ट्री को ग्रोथ के लिए मिलकर काम किया जाएगा। इसमें कंपनियों के साथ भी ज्वाइंट वेंचर्स पर काम किया जाएगा। इस दौरान पंकज शर्मा की ओर से लुधियाना की इंडस्ट्रीयल स्थिति और चेंबर की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया गया। इस दौरान जेएनयू के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. प्रेम मोतवानी ने मेड इन जापान के कई अहम पहलुओं से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने मेक इन इंडिया की मौजूदा स्थिति पर प्रेंजेटेशन दी।
शार्प इंडिया के पूर्व एमडी टोमियो इसोगई ने जापान की भगोलिक स्थिति के साथ उनके मैन्यूफेक्चरिंग कांसैप्ट के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जापान की तकनीक और भारत की मास मैन्यूफेक्चरिंग साथ मिलकर विश्व में बेहतर नतीजे दे सकते हैं। इस दौरान इंडो जापान बिजनेस काउंसिल के प्रधान सिद्वार्थ देशमुख, अभिषेक चौधरी ने भी विचार प्रकट किए और सौ से अधिक उद्यमी लुधियाना से शामिल हुए।