बहादुरके रोड का सीईटीपी सीपीसीबी में फिट, पीपीसीबी में अनफिट

बुड्ढा दरिया में इंडस्ट्री का केमिकल युक्त पानी न गिरे इसके लिए शहर में तीन सीईटीपी बनाए जा रहे हैं। बहादुरके रोड डाइंग इंडस्ट्री का 15 एमएलडी का सीईटीपी शुरू हो गया है वहीं फोकल प्वाइंट डाइंगों का सीईटीपी भी तैयार है जबकि ताजपुर रोड डाइंगों का सीईटीपी भी जल्द ही तैयार हो जाएगा लेकिन सरकार के सहयोग से शहर में उद्यमियों द्वारा बहादुरके रोड पर तैयार किया गया सीईटीपी पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 04:14 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 04:14 AM (IST)
बहादुरके रोड का सीईटीपी सीपीसीबी में फिट, पीपीसीबी में अनफिट
बहादुरके रोड का सीईटीपी सीपीसीबी में फिट, पीपीसीबी में अनफिट

राजेश भट्ट, लुधियाना

बुड्ढा दरिया में इंडस्ट्री का केमिकल युक्त पानी न गिरे इसके लिए शहर में तीन सीईटीपी बनाए जा रहे हैं। बहादुरके रोड डाइंग इंडस्ट्री का 15 एमएलडी का सीईटीपी शुरू हो गया है, वहीं फोकल प्वाइंट डाइंगों का सीईटीपी भी तैयार है, जबकि ताजपुर रोड डाइंगों का सीईटीपी भी जल्द ही तैयार हो जाएगा, लेकिन सरकार के सहयोग से शहर में उद्यमियों द्वारा बहादुरके रोड पर तैयार किया गया सीईटीपी पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के हिसाब से यह सीईटीपी पूरी तरह से फिट है। उद्यमी बोले- पीपीसीबी के अफसर करे रहे तानाशाही

पीपीसीबी के अफसरों ने बहादुरके रोड के डाइंग उद्यमियों को स्पष्ट कह दिया कि सीईटीपी से निकलने वाला ट्रीटेड पानी पीपीसीबी के मापदंडों पर डिस्चार्ज किया जाएगा। यही नहीं पीपीसीबी ने उद्यमियों को यह भी कह दिया कि वह प्लांट की तकनीक तैयार करने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी दिल्ली से संपर्क करने को कह दिया। वहीं उद्यमी इसे पीपीसीबी के अफसरों की तानाशाही बता रहे हैं। पीपीसीबी ने उद्यमियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया कि वह इसे उनके मापदंडों के हिसाब से चलाएं ताकि दरिया में कम से कम गंदा पानी पहुंचे। सीईटीपी में पानी ट्रीट होने के बाद बीओडी लेवल 17 व सीओडी लेवल आ रहा 90 मिलीग्राम प्रति लीटर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार टैक्सटाइल इंडस्ट्री के डाइंग यूनिटों के सीईटीपी से डिस्चार्ज होने वाले पानी में बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड यानि बीओडी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर और केमिकल आक्सीजन डिमांड यानि सीओडी लेवल 250 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। जबकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीओडी का लेवल 10 और सीओडी का लेवल 50 मिलीग्राम प्रति लीटर तय कर लिया। यही नहीं सीईटीपी लगने से पहले ही पीपीसीबी ने उद्यमियों से बाकायदा एफिडेविट भी ले लिया था कि वह पीपीसीबी के मानकों के हिसाब से ही सीईटीपी से पानी डिस्चार्ज करेंगे। इसीलिए उद्यमियों ने उसी तकनीक का सीईटीपी लगाया जिसमें बीओडी व सीओडी कम से कम हो। अब प्लांट ने काम करना शुरू किया तो इससे डिस्चार्ज होने वाले पानी का बीओडी 17 व सीओडी लेवल 90 के करीब है। डिस्चार्ज हो रहे इस पानी में बीओडी व सीओडी का स्तर देखें तो यह सीपीसीबी के हिसाब से फिट है लेकिन पीपीसीबी के मापदंडों के हिसाब से अनफिट है। बाक्स

तत्व सीपीसीबी के मानक पीपीसीबी के मानक सीईटीपी के रिजल्ट

बीओडी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर 10 मिलीग्राम प्रति लीटर 17 मिलीग्राम प्रति लीटर

सीओडी 250 मिलीग्राम प्रति लीटर 50 मिलीग्राम प्रति लीटर 90 मिलीग्राम प्रति लीटर बाक्स

एफिडेविट साइन करवाने को फैक्ट्री सील करने की दी थी धमकी

बहादुरके निटवियर एंड टैक्सटाइल एसोसिएशन के प्रधान तरूण जैन बावा का कहना है कि उनके प्लांट के रिजल्ट सीपीसीबी के मानकों से कहीं बेहतर हैं। पीपीसीबी के अफसरों ने उद्यमियों को परेशान करने के लिए यह मापदंड तय किए हैं। उन्होंने बताया कि जब पीपीसीबी के अफसरों ने एफिडेविट साइन करवाने के लिए फैक्ट्रियां सील करने की धमकी दी थी। कोट्स

पीपीसीबी के पास मापदंड तय करने का अधिकार

बहादुरके रोड में लगा सीईटीपी सरकारी मदद के साथ लगा है। इसको लगाते हुए ही यह मापदंड तय किए गए थे। हम चाहते हैं कि प्लांट पीपीसीबी की गाइडलाइन के मुताबिक चले इसलिए उन्हें कहा गया कि वह आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों से इस बारे में बात करें। पीपीसीबी के पास पूरा अधिकार है कि वह अपने हिसाब से मापदंड तय कर सकता है, लेकिन मापदंड सीपीसीबी से कठोर होने चाहिए।

संदीप बहल, सीनियर इंवायरमेंट इंजीनियर पीपीसीबी लुधियाना

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