केंद्रीय सचिव की दो टूक : प्रोजेक्टों की जांच के लिए आएगी मंत्रालय की टेक्निकल टीम
केंद्रीय सचिव दिनभर लुधियाना में रहे। सुबह स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की और दोपहर बाद कई प्रोजेक्टों का दौरा किया। प्रोजेक्टों की प्रोग्रेस को परखा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा कि वर्ष 2023 तक स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का काम पूरा हो जाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : केंद्रीय सचिव दिनभर लुधियाना में रहे। सुबह स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की और दोपहर बाद कई प्रोजेक्टों का दौरा किया। प्रोजेक्टों की प्रोग्रेस को परखा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा कि वर्ष 2023 तक स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का काम पूरा हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो केंद्र सरकार फंद नहीं देगी। इसके बाद प्रोजेक्ट पूरा करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
पीएयू के सटन हाउस में बंद कमरे में नगर निगम के चुनिंदा अधिकारियों के साथ बैठक में केंद्रीय सचिव ने साफ कर दिया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम सही हो रहा है या नहीं इसकी जांच के लिए मंत्रालय की टेक्निकल टीम जल्द आएगी। वह काम की क्वालिटी और अन्य मानकों की जांच करेगी।
बैठक के बाद केंद्रीय सचिव का काफिला प्रोजेक्टों का जायजा लेने के लिए निकल गया। सबसे पहले जमालपुर स्थित एसटीपी पर पहुंचे। इसके बाद जोधेवाल बस्ती में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों के मालिकों से मिले और बातचीत की। फिर किदवई नगर स्थित मिनी रोज गार्डन गए और गार्डन का नक्शा देखा। वहां पर फव्वारे लगाने की योजना के बारे में पूछा। इसके बाद हंबड़ा रोड पर एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर गए और फिर सराभा नगर स्थित वाटर फ्रंट पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव एके सिन्हा, नगर निगम के कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल, डीसी वरिदर शर्मा, पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह, एमएस जग्गी, अजॉय कुमार, मेयर बलकार सिंह संधू सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। किप्स मार्केट में रेहड़ी पर खरीदे अमरूद, गूगल पे से की पेमेंट :
केंद्रीय सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा किप्स मार्केट भी गए। वहां रेहड़ी पर अमरूद बेचने वाले के पास रुक गए। उससे अमरूद खरीदकर गूगल पे से पेमेंट की। उन्होंने फल विक्रेता से पूछा कि कोरोना काल में जब केंद्र सरकार ने दस हजार रुपये का लोन दिया था तो उससे क्या फायदा मिला। उसने बताया कि इसी रकम से उनका कारोबार मुश्किल दौर में भी चलता रहा। मिश्रा ने अपने मोबाइल पर फल विक्रेता की वीडियो भी बनाई।