पुलिस स्टेशन में नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज रिकार्ड

दो युवा वकीलों को हैबोवाल पुलिस की तरफ से थर्ड डिग्री टार्चर करने के मामले में पुलिस के सीसीटीवी कैमरों की देखभाल करने वाली कंपनी के इंजीनियर ने बयान दर्ज कराया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:00 AM (IST)
पुलिस स्टेशन में नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज रिकार्ड
पुलिस स्टेशन में नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज रिकार्ड

जासं, लुधियाना : दो युवा वकीलों सिद्धार्थ चांदी और उनके भाई मोहित चांदी निवासी बचन नगर, हैबोवाल कलां को हैबोवाल पुलिस की तरफ से थर्ड डिग्री टार्चर करने के मामले में पुलिस के सीसीटीवी कैमरों की देखभाल करने वाली कंपनी के इंजीनियर ने अदालत में बयान दर्ज कराया है कि घटना के समय पुलिस स्टेशन के कैमरे बंद थे।

कंपनी के इंजीनियर प्रभदीप सिंह ने अदालत में दिए बयान में लिखवाया है कि एडीसीपी की तरफ से लिखे गए पत्र के अनुसार उनकी कंपनी ने उनको 20 नवंबर को हैबोवाल पुलिस स्टेशन के 13 व 14 नवंबर की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने के आदेश दिए थे। इसके उपरांत उन्होंने 20 नवंबर को जब जाकर रिकार्ड चेक किया तो पता चला कि कैमरे बंद थे।

उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को सुबह 9.34 से 11.42 बजे तक तथा रात को 8.01 से 14 नवंबर सुबह 12.28 बजे तक यूपीएस चार्ज न होने के कारण कैमरे बंद थे। इस कारण रिकार्डिग नहीं हो पाई। बाकी समय की रिकॉर्डिंग संरक्षित कर दी गई है। वहीं सिविल अस्पताल की तरफ से अभी कोई पक्ष नहीं रखा गया। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट दलजीत कौर की अदालत ने 19 नवंबर को पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल को आदेश दिया था कि 13 और 14 नवंबर (दिन और रात) के लिए पुलिस स्टेशन हैबोवाल के सीसीटीवी फुटेज को कथित थर्ड डिग्री यातना केस में एक महत्वपूर्ण सुबूत के रूप में संरक्षित किया जाने का आदेश दिया था।

वकील भाइयों को पुलिस अधिकारियों को आधिकारिक ड्यूटी करने से रोकने और पुलिस के साथ हाथापाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जबकि उन्होंने पुलीस पर अत्याचार करने के आरोप लगाए थे। बाद में अदालत ने दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया था। आखिर वही हुआ जिस बात का अंदेशा था: वकील सिद्धार्थ

सीपी ने एक एसआइटी (विशेष जांच दल) का गठन भी किया है जो वकीलों के आरोपों और पुलिस अधिकारियों के आरोपों की जांच कर रहे हैं। वकील सिद्धार्थ चांदी ने कहा कि आखिर वही हुआ, जिस बात का अंदेशा था। हैबोवाल पुलिस अधिकारी पहले ही धमका रहे थे कि क्या कर लोगे जब रिकार्ड ही नहीं मिलेगा, लेकिन वो कोई भी हथकंडा अपना लें, हम इंसाफ के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

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