CBSE Reading Mission: विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाएगा सीबीएसई रीडिंग मिशन, दो साल का प्रोग्राम शुरू
CBSE Reading Mission नई शिक्षा नीति 2020 में भी रीडिंग के रूझान को जोर दिया गया है। सीबीएसई रीडिंग मिशन (CBSE Reading Mission) एक सीरिज है जोकि विभिन्न कक्षाओं के अनुसार तैयार किया गया है। इनमें हिंदी और इंग्लिश का मटीरियल मुहैया कराया गया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। CBSE Reading Mission: वर्तमान समय में विद्यार्थी पढ़ाई के प्रति बहुत ही कम रूचि दिखा रहे हैं। उनका ज्यादातर समय मोबाइल (Mobile) पर ही व्यतीत होता है। बेशक नई से नई टेक्नालाजी के साथ विद्यार्थी खुद को अपडेट रख रहे हैं पर उनमें पढ़ाई के प्रति रूझान होना भी काफी जरूरी है। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने इसी के मद्देनजर सीबीएसई रीडिंग मिशन को लांच किया है जोकि दो सालों का प्रोग्राम है।
नई शिक्षा नीति 2020 में भी रीडिंग के रूझान को जोर दिया गया है सीबीएसई रीडिंग मिशन (CBSE Reading Mission) एक सीरिज है। यह विभिन्न कक्षाओं के अनुसार तैयार किया गया है। इनमें हिंदी और इंग्लिश विषयों का मटीरियल मुहैया कराया गया है। कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को स्टोरी बुक्स, सप्लीमेंट्री रिसोर्सिस के जरिए तथा कक्षा आठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई रीडिंग चैलेंज उपलब्ध कराया गया है।
स्कूल में बनाया गया रीडिंग क्लब
कुंदन विद्या मंदिर स्कूल सिविल लाइंस की प्रिंसिपल नविता पुरी ने कहा कि आज के समय में बच्चों में रीडिंग का रूझान बहुत ही कम होता जा रहा है। स्कूल ने बच्चों के इसी रूझान को बरकरार रखने के लिए स्कूल में रीडिंग क्लब बनाया है जिसमें 500 विद्यार्थी जुड़े हुए हैं। सीबीएसई रीडिंग मिशन शुरू करना सीबीएसई की पहल सराहनीय है। रीडिंग रूझान से बच्चों की वोकेवलरी में भी सुधार आता है और वह सक्षम बनता है।
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बच्चे मोबाइल पर बिता रहे ज्यादा समय
भारतीय विद्या मंदिर स्कूल किचलू नगर की प्रिंसिपल नीलम मित्तर ने कहा कि वर्तमान में बच्चे मोबाइल पर ज्यादा रहते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि टेक्नालाजी के सीख के मामले में आज के समय में बच्चे ज्यादा आगे हैं लेकिन उनमें रीडिंग स्किल्स का डिवेल्प होना भी बहुत जरूरी है जोकि आज के बच्चों में बिल्कुल न के ही बराबर है। सीबीएसई रीडिंग मिशन एक ऐसा ही प्रयास है जो विद्यार्थियों के रीडिंग के प्रति रूझान को बढ़ाने में मदद करेगा। बेशक यह आप्शनल है लेकिन विद्यार्थियों को इसका हिस्सा जरूर बनना चाहिए।
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