लुधियाना में 32 हजार अमेरिकन डालर बदलवाने का झांसा दे मनी एक्सचेंजर से 4.54 लाख ठगे
आधा दर्जन नौसरबाजों ने 32 हजार अमेरिकन डालर्स को भारतीय करंसी में बदलवाने का झांसा देकर मनी एक्सचेंजर से 4.54 लाख रुपये लूट लिए। भागते हुए बदमाशों की एक्टिवा वहीं छूट गई। पुलिस ने केस दर्ज करके छानबीन शुरू की है।
लुधियाना, जेएनएन। आधा दर्जन नौसरबाजों ने 32 हजार अमेरिकन डालर्स को भारतीय करंसी में बदलवाने का झांसा देकर मनी एक्सचेंजर से 4.54 लाख रुपये लूट लिए। भागते हुए बदमाशों की एक्टिवा वहीं छूट गई। अब थाना डिवीजन नंबर 3 की धर्मपुरा चौकी पुलिस ने एक्टिवा को कब्जे में लेकर सुरजीत सिंह नाम के व्यक्ति व उसके 6 अज्ञात साथियों पर केस दर्ज करके छानबीन शुरू की है। चौकी इंचार्ज गुरजीत सिंह ने बताया कि उक्त केस आजाद नगर निवासी अंकित खरबंदा की शिकायत पर दर्ज किया गया। अपने बयान में अंकित खरबंदा ने बताया कि शिमला पुरी में उसकी मनी ट्रांसफर की दुकान है। 10 अप्रैल को सुरजीत सिंह नाम का व्यक्ति उसकी दुकान पर आया। उसने बताया कि उसकी मौसी के पास 32 हजार अमेरिकन डालर हैं। वो उन्हें भारतीय करंसी में तबदील कराना चाहती है।
उसने कहा कि वो दिव्यांग है, इसलिए अंकित को हरचरण नगर स्थित उसके घर जाना होगा। 11 अप्रैल को वो अंकित को अपने साथ हरचरण नगर के एक बेहड़े में ले गया। जहां सुरजीत सिंह ने उसे एक वृद्ध महिला से मिलवाया। वहां आरोपितों ने उसे 20-20 अमेरिकन डालर के 1600 नोट दिखाए। अंकित ने 32 हजार डालर की भारतीय करंसी की भारी भरकम रकम एक साथ देने में असमर्थता जताई। नौसरबाज ने कहा कि वो उसे 32 हजार डालर ले लें। उसके बदले में थोड़ा थोड़ा करके उसे भुगतान करता रहे। उसकी बातें सुन लालच में आए अंकित ने पहली किस्त 4.54 लाख रुपये देने का तय कर लिया। 13 अप्रैल की सुबह सुरजीत सिंह ने उसे जीटी रोड स्थित कश्मीर नगर चौक शराब के ठेके के पास बुलाया। वहां उसने कपड़े में लपेट कर रखे 20-20 डालर की गड्डी अंकित को दिखाई। सुरजीत सिंह के साथ उस समय छह लोग और थे।
अंकित ने कपड़े में लिपटे डालर लेकर उसे भारतीय करंसी के 4.54 लाख रुपये दे दिए। जिन्हें लेकर वो फरार हो गए। मगर उनकी एक्टिवा नंबर पीबी10ईयू-3292 वहीं छूट गई। उनके जाने के बाद अंकित ने जब कपड़ा खोल कर चेक किया तो उसमें पड़ी गड्डी के ऊपर व नीचे 20-20 डालर का एक नोट निकला। जबकि अंदर कटिंग की गई अखबार थी। अपने साथ हुए धोखे का अहसास होते ही उसने पुलिस को सूचना दी। गुरजीत सिंह ने कहा कि पुलिस ने एक्टिवा को कब्जे में लेकर उसके मालिक का पता लगाया। वो आलमगीर निवासी एक व्यक्ति की निकली। एक्टिवा में एक मोबाइल फोन भी मिला। पुलिस उसकी डिटेल भी निकलवा रही है। जिस जगह नौसरबाजों ने अंकित के साथ ठगी मारी थी। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक कर रही है।