काेराेना की तीसरी लहर की आहट से असमंजस में कारोबारी, लुधियाना में विंटर सीजन में इस साल 50 % प्रोडक्शन
CoronaVirus Third Wave सितंबर माह में डिस्पैचिंग का दौर आरंभ हो जाता है और जुलाई एवं अगस्त में इंडस्ट्री में बंपर प्रोडक्शन होती है। इसी के चलते धागे के दामों में भी इन दिनों में मांग बढ़ने से उछाल आता है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। CoronaVirus Third Wave: विंटर सीजन को लेकर उत्साहित रहने वाला लुधियाना का हाेजरी उद्योग इन दिनों असमंजस के दौर से गुजर रहा है। हर साल पांच हजार करोड़ का कारोबार करने वाले गारमेंट्स उद्योग को इस साल दो से ढाई हजार करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण कोविड की तीसरी लहर की आहट के चलते उद्योगपतियों द्वारा आम दिनों को मुकाबले इस साल कम प्रोडक्शन किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण बाजार से पेमेंट्स का न आना और रिटेलर्स की ओर से आर्डरों को लेकर उत्साह कम दिखाना है।
इसको लेकर भले ही बायर सेलर मीट आयोजित की जा रही हैं, लेकिन बावजूद इसके इंडस्ट्री को अभी तक अच्छे आर्डर नहीं मिल पाएं है। सितंबर माह में डिस्पैचिंग का दौर आरंभ हो जाता है और जुलाई एवं अगस्त में इंडस्ट्री में बंपर प्रोडक्शन होती है। इसी के चलते धागे के दामों में भी इन दिनों में मांग बढ़ने से उछाल आता है। लेकिन यार्न कारोबारियों के मुताबिक इस पचास फीसदी ही बिक्री हो पा रही है।
कमल ट्रेडिंग कंपनी के एमडी राजेश गोयल के मुताबिक इस समय विंटर सीजन को लेकर अच्छे संकेत नहीं है। इंडस्ट्री काेराेना की तीसरी लहर के साथ पुरानी उधारी नहीं आने के चलते नई प्रोडक्शन सोच समझकर कर रही है। कई कंपनियों को अभी तक पिछले विंटर सीजन की पेमेंटस की रिकवरी नहीं हो पाई है। इसके साथ ही अब इंडस्ट्री को इस साल कोविड की तीसरी लहर का भी डर सता रहा है।
आर्डर कम आने से प्रोडक्शन प्रभावित
आर्डर कम आने से प्रोडक्शन कम हो पा रही है। स्मैग रिटेल के एमडी विकास खरबंदा के मुताबिक यह साल हौजरी के लिए बेहद अच्छा नहीं है। क्योंकि इस समय तक पचास प्रतिशत ही प्रोडक्शन हो पाई है। इसके पीछे मुख्य वजह आर्डरों को लेकर ग्राहकों का रूझान कम होना है। सितंबर में डिस्पैचिंग का दौर आरंभ हो जाता है। लेकिन अभी पचास प्रतिशत भी प्रोडक्शन भी पूरी नहीं हो पाई है। इस बार गारमेंट्स इंडस्ट्री बड़ा सोच समझकर प्रोडक्शन को लेकर कदम उठा रही है।