त्रिसरण, पंचसील के पाठ से वर्षावास की शुरुआत

गांव कादिया नजदीक चिड़ियाघर के तक्षशिला महाबुद्धा विहार में अषाढ़ पूर्णिमा पर भिक्खू संघ एवं बिहारा इंचार्ज भंते प्रज्ञा बोधि की अगुआई में भगवान तथागत बुद्ध की पूजा अर्चना के पश्चात त्रिसरण पंचसील के पाठ से वर्षावास की शुरुआत की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:38 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:38 PM (IST)
त्रिसरण, पंचसील के पाठ से वर्षावास की शुरुआत
त्रिसरण, पंचसील के पाठ से वर्षावास की शुरुआत

जागरण संवाददाता, लुधियाना : गांव कादिया नजदीक चिड़ियाघर के तक्षशिला महाबुद्धा विहार में अषाढ़ पूर्णिमा पर भिक्खू संघ एवं बिहारा इंचार्ज भंते प्रज्ञा बोधि की अगुआई में भगवान तथागत बुद्ध की पूजा अर्चना के पश्चात त्रिसरण, पंचसील के पाठ से वर्षावास की शुरुआत की गई। इस दौरान उपासकों ने भिक्षुसंघ को वर्षासाठीका के साथ दान उपहार के साथ विश्वास दिलाया कि अलग-अलग राज्यों से आए भिक्खूसंघ को वर्षावास के समापन तक कोई परेशानी नहीं आने देंगे।

आंबेडकर नवयुवक दल के प्रमुख बंसीलाल प्रेमी ने बताया कि बुद्ध के जीवन काल में प्रत्येक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि बौद्ध जगत की दुनिया में जितने भी तथागत बुद्ध के अनुयायी हैं, विशेषकर आषाढी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, क्योंकि तथागत बुद्ध के जीवन से संबंधित हर पूर्णिमा को कोई न कोई घटना घटी है। पंजाब बुद्धिस्ट सोसायटी के प्रधान हरभजन सापला ने आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व बताया। इस मौके पर देशराज चौहान, डा. रामचंद्र, डा. प्रमोद चौधरी, रामनारायण बौद्ध, राजेंद्र अहिरवार, हरफूल बौद्ध, दीपक कुमार, रामानंद, जितेंद्र कुमार, योगेंद्र गोगी, दुर्जन अहिरवार, राजपाल, करनैल सिंह कंबोज, हरिश्चंद्र, रामशरण विक्की, भरत कुशवाहा, मास्टर जयराम, अहिरवार, विशेष रूप से मौजूद रहे।

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