चर्चा-ए-आम : किसानों को चकमा दे गए भाजपाई, लाडोवाल टोल प्लाजा से गुजरी इंसाफ रैली

लाडोवाल टोल प्लाजा पर किसानों ने इंसाफ रैली निकाल रहे भाजपा नेताओं के घेराव की तैयारी की थी। कड़ी सुरक्षा के बीच भाजपा नेता गाड़ियों में टोल प्लाजा से गुजर और नारेबाजी भी की। तब जाकर किसानों को पता चला कि भाजपाई तो वहां से निकल चुके हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:52 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:52 AM (IST)
चर्चा-ए-आम : किसानों को चकमा दे गए भाजपाई, लाडोवाल टोल प्लाजा से गुजरी इंसाफ रैली
लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरना लगाए बैठे किसान। (जागरण)

लुधियाना, [राजेश शर्मा]। किसानों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में गतिरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जालंधर से चंडीगढ़ तक निकाली जाने वाली इंसाफ रैली में शामिल होने के लिए एससी मोर्चा के नेताओं को जालंधर के लिए रवाना होना था। इसकी सूचना लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरना लगाए बैठे किसानों को मिली तो उन्होंने भाजपा नेताओं के घेराव की तैयारी कर ली। इसकी भनक पुलिस के साथ-साथ भाजपा नेताओं को भी लग गई। फिर क्या था, बड़ी संख्या में पुलिस टोल प्लाजा पर पहुंच गई और भाजपा नेताओं की गाडिय़ां वहां से गुजरीं तो किसानों को पता ही नहीं चल पाया। हालांकि नेता तो नेता ही ठहरे। ऐसे ही गुजर जाएं, ये तो हो नहीं सकता। भाजपाइयों ने टोल प्लाजा से गुजरते ही वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगा दिए। तब जाकर किसानों को पता चला कि भाजपाई तो वहां से निकल चुके हैं।

नवरात्र में चुनाव न करवाएं

सतलुज क्लब का चुनाव मतलब पाॢटयों का दौर। इसमें कबाब व शराब की तो मानो बाढ़ सी आ जाती है। दो साल बाद होने वाले चुनाव इस बार कोरोना वायरस के चलते सात माह की देरी से हुए। लंबे समय से इसके इंतजार में बैठे मेंबर्स के अरमानों पर क्लब प्रेसीडेंट व डीसी वङ्क्षरदर शर्मा ने पानी फेर दिया। हुआ यूं कि चुनाव की तारीख नवरात्र में रख दी और प्रचार व चुनावी प्रक्रिया के लिए मिला सिर्फ एक सप्ताह। एक तो कोरोना का डर और दूसरा नवरात्र। ऐसे में पाॢटयों का दौर चल नहीं पाया। रही-सही कसर इस बात ने पूरी कर दी कि पांच पदों पर उम्मीदवार निॢवरोध ही जीत गए। कुल मिलाकर अब सिर्फ मीटिंग ही हो सकती थी। इसी पर एक सदस्य ने तंज कसते हुए साथियों से कह दिया, अब तो डीसी साहब से यही गुजारिश करेंगे कि आगे से नवरात्र में चुनाव न करवाएं।

गोदामों में कुछ न जाने पाए

केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि सुधार कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। इसके तहत किसानों ने लाडोवाल टोल प्लाजा व फिल्लौर रेलवे स्टेशन सहित कई जगहों पर धरना लगाया हुआ है। इस दौरान न तो टोल की पर्ची काटने दी जा रही है और न ही यात्री ट्रेनों को निकलने दिया जा रहा है। ऐसे में पंजाब सरकार ने गतिरोध दूर करने के लिए किसान नेताओं को चंडीगढ़ में बातचीत का न्योता दिया। वहां मीटिंग में बैठे प्रतिनिधि यहां के नेताओं को बातचीत से अवगत करवाने के लिए लगातार वायस मैसेज भेजते रहे। इन मैसेज के जरिये एक अहम संदेश देते हुए सभी को आगाह किया गया कि रेलवे ट्रैक व टोल प्लाजा पर धरना जारी रहेगा। सिर्फ मालगाडिय़ां जाने दी जाएंगी। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि मालगाड़ी तो जाने दें, पर कार्पोरेट घरानों के गोदामों में कुछ मत जाने देना।

बार विच्च कंट्रोल नाल रहियो जनाब

सतलुज क्लब चुनाव के तहत एक चरण ऐसा भी आता है, जिसमें सभी उम्मीदवार क्लब प्रेसीडेंट की देखरेख में सभी सदस्यों को अपना विजन बताते हैं। क्लब परिसर में एडीसी अमरजीत सिंह बैंस और एडीसी नीरू कत्याल की देखरेख में एक ऐसा ही आयोजन हुआ। 11 पदों के उम्मीदवारों ने बताना शुरू किया कि अगर वे चुनाव जीत जाते हैं तो यह-यह काम प्राथमिकता के आधार पर पूरे करवाएंगे। इन्हीं उम्मीदवारों में से एक को मंच पर बुलाया गया तो उन्होंने बताना शुरू किया कि वह क्या-क्या काम करेंगे। बात खत्म होने पर वहां मौजूद खन्ना के एसडीएम ने सदस्यों से कहा कि वह चाहें तो उम्मीदवार से सवाल भी कर सकते हैं। इसी दौरान एक सदस्य बोल पड़े, 'बाकी गल्लां तां ठीक हंै भाजी, बस जरा शराब पीन तो बाद ठीक रहियो।Ó इससे पहले कि वहां माहौल बिगड़ता, सीनियर लोगों ने बात संभालते हुए मजाक में उड़ा दी।

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