जोनल कमिश्नर को दफ्तर में बनाया बंधक, बाहर तीन घंटे तक लगाया धरना Ludhiana News
तीन घंटे तक धरनाकारियों ने जोनल कमिश्नर को दफ्तर के अंदर बंद रखा और वहां न तो किसी को जाने और न ही वहां से किसी को बाहर निकलने दिया।
जेएनएन, लुधियाना। गर निगम जोन ए के जोनल कमिश्नर मनजीत सिंह चीमा और भाजपा पार्षद यशपाल चौधरी फिर से आमने-सामने हो गए। भाजपा पार्षद यशपाल चौधरी ने जोनल कमिश्नर पर दुर्व्यवहार करने व जाति सूचक शब्द कहने के आरोप लगाए, जिसके विरोध में भाजपा पार्षद यशपाल चौधरी ने विपक्षी पार्षदों के साथ मिलकर जोनल कमिश्नर के दफ्तर के बाहर धरना लगा दिया। तीन घंटे तक धरनाकारियों ने जोनल कमिश्नर को दफ्तर के अंदर बंद रखा और वहां न तो किसी को जाने और न ही वहां से किसी को बाहर निकलने दिया।
अकाली भाजपा पार्षदों के साथ-साथ नगर निगम के कुछ कर्मचारी भी यशपाल चौधरी के समर्थन में आकर बैठ गए और जोनल कमिश्नर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान जोनल कमिश्नर दफ्तर के बाहर जमकर हंगामा हुआ। शाम करीब सवा चार बजे सभी पार्षद, अकाली दल के नेता थाना डिवीजन एक पहुंचे और जोनल कमिश्नर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। उधर, जोनल कमिश्नर ने पार्षद यशपाल चौधरी के आरोपों को नकारा और कह दिया कि उनके पास दफ्तर के अंदर हुए घटनाक्रम की पूरी फुटेज है। यशपाल चौधरी अपने दो समर्थकों के साथ जोनल कमिश्नर के दफ्तर में पहुंचे।
जोनल कमिश्नर दफ्तर के कर्मचारी को अंदर भेजते हुए पुलिस कर्मी।
समर्थकों के साथ आने पर जोनल कमिश्नर ने आपत्ति जताई, जिसके बाद यशपाल चौधरी व जोनल कमिश्नर में कुछ बहस हुई और फिर पार्षद ने अपने समर्थकों को बुला लिया, जिसके बाद उन्होंने धरना लगाकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। देखते-देखते आधा दर्जन से अधिक पार्षद व पार्टी नेता वहां पहुंच गए। पार्षदों ने सवा एक बजे से सवा चार बजे तक जोनल कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना लगाया। धरना लगने के बाद जोनल कमिश्नर ने पुलिस को सूचना दी और एसीपी बरियाम सिंह खुद मौके पर पहुंचे, लेकिन पार्षद व नेता जोनल कमिश्नर के खिलाफ पर्चा दर्ज करवाने की जिद पर अड़े रहे।
एसीपी ने उन्हें थाने आकर शिकायत देने को कहा। यशपाल चौधरी ने बताया कि जोनल कमिश्नर से मिलने गए थे और उन्होंने उनके साथ आए समर्थकों के साथ बदसलूकी की। चौधरी ने बताया कि जोनल कमिश्नर यहीं नहीं रुके। उन्होंने उनको जातिसूचक शब्द भी कहे, जिसके बाद समर्थकों ने धरना लगाया।
इस वजह से गर्माया मामला
यशपाल ने बताया कि एक महिला कर्मचारी अस्पताल में दाखिल है और उसका बेटा निगम से एडवांस पैसे लेने के लिए फाइल पर साइन करवाने आया था। जब वह जोनल कमिश्नर से साइन करवाने गए तो उन्होंने उन्हें कह दिया कि यह सरकारी फाइल उनके पास कहां से आ गई, जिसके बाद जोनल कमिश्नर ने अपने मातहत कर्मचारी को बुलाकर फाइल पार्षद को देने वाले क्लर्क को नोटिस जारी करने को कह दिया। साथ ही उन्हें दफ्तर से बाहर निकलने को कह दिया। उन्होंने बताया कि पहले भी अफसर पार्षदों के साथ ऐसा कर चुके हैं।
धरने के दौरान मीटिंग करते हुए पार्षद, अकाली दल के नेता व अन्य।
सभी आरोप निराधार, मैं पहले ही कमीशन को दे चुका हूं कंप्लेंट
जोनल कमिश्नर मनजीत सिंह चीमा का कहना है कि सभी आरोप निराधार हैं। पार्षद के साथ एक युवक आया था उसने कहा कि उसकी मां अस्पताल में दाखिल है और उसके इलाज के लिए एडवांस पैसे चाहिए। उन्होंने बताया कि दफ्तर में बाईहेंड फाइल देने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद उन्होंने फाइल ओके कर दी, लेकिन इमरजेंसी में उसका काम कर दिया, जिसके बाद पार्षद यहीं बैठे रहे। उनके साथ आए दूसरे युवक को जरूर कहा था कि वह बिना परमिशन के दफ्तर में क्यों आए। उन्होंने बताया कि इसी बात का इश्यू बनाकर पार्षद ने यह सारा हंगामा करवाया। जोनल कमिश्नर ने बताया कि यह प्री प्लांड एक्शन था क्योंकि पार्षद के फोन करते ही विजय दानव व अन्य नेता वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल को भी विजय दानव व उनके सहयोगियों ने तहबाजारी ब्रांच के सुपरिंटेंडेंट पर हमला करने की कोशिश की और उन्होंने उन्हें रोका था। तब विजय ने उन्हें एससीएसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी थी। जोनल कमिश्नर ने बताया कि उन्होंने उसी दिन नेशनल कमिशन फॉर एससी-एसटी को लिखित तौर पर सूचित कर दिया था कि यह लोग मेरे खिलाफ कभी भी एससीएसटी एक्ट में झूठी शिकायत दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस पूरे घटना क्रम की उनके पास सीसीटीवी फुटेज मौजूद है।
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