दावत-ए-हिदुस्तान, वाह बिरयानी लाजवाब

बारह तरह की बिरयानी जिसने भी स्वाद चखा वह दोबारा लिए बिना न रह सका। ऐसा नजारा पीसीटीई ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के होटल मैनेजमेंट और लोधी क्लब की ओर से आयोजित हुए दावत-ए-हिदुस्तान में देखने को मिला।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:47 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:47 PM (IST)
दावत-ए-हिदुस्तान, वाह बिरयानी लाजवाब
दावत-ए-हिदुस्तान, वाह बिरयानी लाजवाब

जागरण संवाददाता, लुधियाना : बारह तरह की बिरयानी, जिसने भी स्वाद चखा वह दोबारा लिए बिना न रह सका। ऐसा नजारा पीसीटीई ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के होटल मैनेजमेंट और लोधी क्लब की ओर से आयोजित हुए दावत-ए-हिदुस्तान में देखने को मिला। यहां विभिन्न तरह की घराना बिरयानीज तैयार की गई। एक तरफ जहां 12 तरह की बिरयानीज परोसी गई, वहीं कबाब, ग्रेवीज और स्टार्टर सहित बीस तरह की डिशिज भी शामिल रही। बिरयानीज में कोलकाता की मशहूर वाजिद एली शाह बिरयानी, हैदराबादी झींगा बिरयानी, रामपुरी बटर बिरयानी, सोफियानी बिरयानी इत्यादि परोसी गई। वहीं छात्रों ने गलौटी कबाब, टुंडे कबाब और पुरानी दिल्ली चिकन टिक्का, मलाई टिक्का जैसे स्टार्टर्स बनाए और परोसे। एक डिश मछली को केले के पत्तों में लपेट और नारियल में मैरीनेट कर तथा बाद में स्टीम कर परोसा गया।

दावत-ए-हिदुस्तान कार्यक्रम का उद्देश्य उन व्यंजनों के पीछे के इतिहास की एक झलक प्रस्तुत करना रहा। पीसीटीई आइएचएम के डीन अनिर्बान गुप्ता के मुताबिक कि इस तरह की गतिविधियों में छात्रों को शामिल करने से उन्हें दुनिया का पता चलता है, जहां व्यंजन बनाने के दौरान छात्रों ने खाना पकाने की विभिन्न शैलियों को सीखा। उन्होंने कहा कि वैसे भी पीसीटीई हर साल ही इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता है जहां विभिन्न राज्यों के खाने के असल स्वाद को एक ही छत के नीचे परोसा जाता है। पीसीटीई ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट्स के महानिदेशक डा. केएनएस कांग ने कहा कि पीसीटीई हमेशा छात्रों के स्किल्स को बढ़ावा देने पर फोकस करता है ताकि उन्हें प्रैक्टिकल पर सीख हासिल हो सके।

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